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Last Updated : शनिवार, 3 फ़रवरी 2024 (17:37 IST)

क्‍या होता है HPV Vaccine, किसे लगवाना चाहिए और कब?

cervical cancer
HPV Vaccine: हाल ही में अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9-14 साल की बच्चियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए वैक्‍सीन की व्‍यवस्‍था की योजना पर काम किया जाएगा।

इसी बीच एक्‍ट्रेस और मॉडल पूनम पांडे की सर्विकल कैंसर से निधन की खबर आई थी। हालांकि दूसरे ही दिन पूनम पांडे से वीडियो में सामने आकर खुलासा किया कि वे जिंदा हैं और उन्‍होंने अपनी मौत की झूठी खबर इसलिए उडाई थी क्‍योंकि सर्विकल कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। बहरहाल, सवाल यह है कि एचपीवी वैक्‍सीन क्‍या होती है और किसे, कब लगवाना चाहिए।

क्‍यों लगवाई जाती है ये वैक्‍सीन : दरअसल, एचपीवी वैक्‍सीन सर्विकल कैंसर से बचाव के लिए लगवाने की बात कही जा रही है। सर्विकल कैंसर का मतलब है सर्विक्स (cervix) से शुरू होने वाला कैंसर। सर्विक्स को हिंदी में गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी का मुंह भी कहा जाता है। ये महिलाओं को होने वाले कैंसर के चार मुख्य प्रकारों में भी शामिल है और इसकी वजह से दुनियाभर में हर साल 3 लाख से ज़्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स और शोध बताते हैं कि अगर इसकी रोकथाम के लिए बनी वैक्सीन ली जाए तो सर्विकल कैंसर के मामलों में 90 फीसदी तक की कमी लाई जा सकती है।

क्‍या है एचपीवी वैक्‍सीन : बता दें कि एचपीवी वैक्सीन 9 तरह के एचपीवी वायरस से सुरक्षित रखने का काम करती है। इन नौ तरह के वायरस में से दो वायरस ऐसे होते हैं जो सर्विकल कैंसर के लिए पूरी तरह से जिम्‍मेदार होते हैं। इनकी वजह से ज्‍यादातर एनल कैंसर, जेनिटल कैंसर (जनन अंगों में होने वाला कैंसर) और सिर एवं गर्दन के कैंसर होते हैं।

रिसर्च में खुलासा है कि इस वैक्सीन की वजह से कम से कम दस साल तक एचपीवी संक्रमण से बचा जा सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि ये टीकाकरण इससे भी ज़्यादा समय तक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।

किसे लेना चाहिए ये वैक्‍सीन : दावा तो यह किया जा रहा है कि एचपीवी वायरस के संपर्क में आने से पहले अगर किसी ने यह वैक्‍सीन ले ली तो यह बहुत फायदेमेंद होता है। दरअसल, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि वैक्सीन सिर्फ संक्रमण रोक सकती है। संक्रमित हो जाने के बाद यह उस वायरस को शरीर से बाहर नहीं निकाल सकती। ऐसे में पहले ही ले लेने में यह ज्‍यादा फायदेमंद है। रिपोर्ट के मुताबिक ये वायरस इतने आम हैं कि संक्रमण से बचने के लिए यौन संबंध बनाने की उम्र से पहले यानी बचपन में वैक्सीन लगाना ज़्यादा बेहतर समझा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस वैक्सीन की एक या दो डोज़ दी जानी चाहिए। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें दो या तीन डोज़ देनी चाहिए।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर : गायनॉकोलॉजिस्‍ट डॉ शैफाली जैन ने वेबदुनिया को बताया कि इससे बचाव ही इसका सबसे अच्‍छा तरीका है। इसके लिए देखना चाहिए कि परिवार में किसी को भी किसी तरह का कैंसर है तो उसे खासतौर से सतर्क रहना चाहिए। अगर गठान हो जाती है या बार बार वजन कम हो रहा है तो जांच कर लेना चाहिए। इसके साथ सबसे जरूरी है कि 14 से 26 साल की उम्र में लडकियों को वैक्‍सीन लगाना चाहिए। इसके दो डोज लगते हैं।

क्‍या है सर्वाइकल कैंसर के लक्षण : हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉक्टर केके अग्रवाल के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर मानव पैपीलोमा वायरस या एचपीवी के कारण होता है। एचपीवी संक्रमण यौन संपर्क या त्वचा संपर्क के माध्यम से फैलता है।

कुछ महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में एचपीवी संक्रमण लगातार बना रहता है और इस रोग का कारण बनता है। इन परिवर्तनों का नियमित ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग (पेप टेस्ट) द्वारा पता लगाया जा सकता है। पैप परीक्षण के साथ, गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का एक सतही नमूना नियमित पेल्विक टेस्ट के दौरान एक ब्रश से लिया जाता है और कोशिकाओं के विश्लेषण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है।

सर्वाइकल कैंसर के कुछ लक्षण ऐसे हैं : योनि से असामान्य रूप से खून बहना, रजोनिवृत्ति या यौन संपर्क के बाद योनि से रक्तस्राव, सामान्य से अधिक लंबे समय तक मासिक धर्म, अन्य असामान्य योनि स्राव और यौन संबंध के बाद या इस दौरान दर्द के साथ रक्तस्राव होना।
Edited by Navin Rangiyal
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