उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी चाहती है कि घुसपैठ जारी रहे लेकिन सीएए वास्तविकता था, है और रहेगा। वे घुसपैठ के जरिए यहां की जनसांख्यिकी बदलना चाहती है मगर हम ऐसा होने नहीं देंगे।
हालांकि ममता ने पलटवार करते हुए अमित शाह को आग से नहीं खेलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि CAA रद्द हो गया है। पार्टी की अंदरूनी कलह को मिटाने के लिए गृहमंत्री इस तरह की बात कर रहे हैं।
हालांकि ममता ने पलटवार करते हुए अमित शाह को आग से नहीं खेलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि CAA रद्द हो गया है। पार्टी की अंदरूनी कलह को मिटाने के लिए गृहमंत्री इस तरह की बात कर रहे हैं।

नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिन्दुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो गया। उचित दस्तावेज़ नहीं होने पर भी अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी। 2019 में
देश में CAA कानून तो बन गया लेकिन देशभर में इसका जमकर विरोध हुआ और इसे लागू नहीं किया जा सका।
देश में CAA कानून तो बन गया लेकिन देशभर में इसका जमकर विरोध हुआ और इसे लागू नहीं किया जा सका।

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नागरिकता कानून, 1955 के मुताबिक के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और वीजा के बगैर घुस आए हों या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हों लेकिन उसमें उल्लिखित अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक जाएं।
अवैध प्रवासियों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकती है। अवैध प्रवासियों को या तो जेल में रखा जा सकता है या फिर विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत वापस उनके देश भेजा जा सकता है। केंद्र सरकार ने साल 2015 और 2016 में उपरोक्त 1946 और 1920 के कानूनों में संशोधन करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को छूट दे दी है।
