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Last Updated : शुक्रवार, 13 जनवरी 2023 (12:42 IST)

वाराणसी को मिली सबसे लंबे रिवर क्रूज की सौगात, बताया- भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम

वाराणसी को मिली सबसे लंबे रिवर क्रूज की सौगात, बताया- भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम - Varanasi got the gift of longest river cruise
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की कई अन्य अंतरदेशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
 
उन्होंने कहा कि आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे बड़ी नदी जल यात्रा 'गंगा विलास' ​क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और प्रमुखता से आने वाले हैं। 2014 में सिर्फ 5 राष्ट्रीय जलमार्ग भारत में थे, आज 24 राज्यों में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का काम हो रहा है। इनमें से लगभग 2 दर्जन जलमार्गों पर सेवाएं चल रही हैं।
 
क्रूज़ टूरिज्म का ये नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए तो ये आकर्षण होगा ही, देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे, वेभी अब पूर्वी-उत्तर पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये क्रूज 25 अलग-अलग नदियों से होकर गुजरेगा और जो लोग भारत के समृद्ध खान-पान का अनुभव लेना चाहते हैं, उनके लिए भी ये बेहतरीन अवसर है यानी भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम हमें इस यात्रा में देखने को मिलेगा।
 
पीएम ने कहा कि गंगाजी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं हैं बल्कि प्राचीनकाल से इस महान भारत भूमि की तप-तपस्या की साक्षी हैं। भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित किया है।
 
नदी में चलने वाले जहाज 'एमवी गंगा विलास' ने वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू की। यह 51 दिनों के अपने सफर में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा। इस दौरान यह भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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