रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद की टिप्पणी पर SP ने किया किनारा, VHP नेता बोले- पागलखाने में भर्ती कराया जाए
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के एमएलसी और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद बवाल खड़ा हो गया है। इस बीच विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि ऐसा बयान देने वाले स्वामी प्रसाद विक्षिप्त हो गए हैं और उन्हें पागलखाने में भर्ती कराने की जरूरत है। वहीं समाज पार्टी ने मौर्य के इस बयान से किनारा कर लिया है।
खबरों के अनुसार, रामचरित मानस पर विवादित बयान देने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य साधु-संतों के निशाने पर आ गए हैं। अयोध्या कोतवाली में तहरीर देकर मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, हालांकि मौर्य के विवादित बोल खुद उनकी ही पार्टी (समाजवादी पार्टी) को रास नहीं आए हैं।
उल्लेखनीय है कि एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करते हुए इसे प्रतिबंधित करने की मांग की थी। मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस ने एकसाथ सपा पर जुबानी हमला बोला है।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सपा एमएलसी के बयान को घटिया बताया है। कांग्रेस नेता ने कहा, प्रतिबंध इस तरह की घटिया और बेहूदी बयानबाज़ी करने वाले मूर्धन्य नेताओं पर लगना चाहिए। जो रोज हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान करने को ही अपनी बहादुरी समझते हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री व स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से आहत साधु-संतों ने भी इसके खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने विवादित बयान की कड़ी निंदा की। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि ऐसा बयान देने वाले स्वामी प्रसाद विक्षिप्त हो गए हैं और उन्हें पागलखाने में भर्ती कराने की जरूरत है। Edited By : Chetan Gour