मौसम हुआ खराब, शुरू होने के बाद फिर रोकी अमरनाथ यात्रा, रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी
श्रीनगर, बादल फटने की त्रासदी के बाद सोमवार को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा फिर से रोक दी गई है। मौसम खराब होने के कारण स्थानीय प्रशासन ने यह फैसला किया है। प्रशासन ने बताया कि पंजतरणी बेस कैंप से श्रद्धालुओं को जत्था आज अमरनाथ गुफा के लिए नहीं निकल सका। क्योंकि पंजतरणी और पवित्र गुफा के पास तेज बारिश हो रही थी।
बता दें कि 8 जुलाई की शाम अमरनाथ गुफा के करीब बादल फटने निचले इलाकों में बाढ़ के हालात हो गए थे। इस घटना में 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए।
अब भी करीब 40 श्रद्धालु लापता हैं, जिन्हें ढूंढने और बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उपायुक्त जम्मू, अवनी लवासा ने 11 जुलाई या उससे पहले पंजीकृत सभी यात्रियों को भगवती नगर आधार शिविर में जाने के लिए कहा था। अब तक, 84 तीर्थयात्री सुरक्षित बताए गए हैं, क्योंकि वे अपने रिश्तेदारों और अधिकारियों के संपर्क में आए थे। रविवार दोपहर को राज्य सरकार ने कहा कि अमरनाथ त्रासदी में राजामहेंद्रवरम की केवल 2 महिलाओं का पता नहीं चला है।
रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि आंध्रप्रदेश की 2 महिलाओं के पति श्रीनगर लौट आए हैं। लेकिन महिलाएं अब भी लापता हैं। हो सकता है कि वे घायल हो गई हों या किसी अन्य स्थान पर पहुंच गई हों। हम उनका पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं
उधर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में नुनवान आधार शिविर का रविवार को दौरा किया और आठ जुलाई को बादल फटने से आई बाढ़ के बाद से बाधित अमरनाथ यात्रा को बहाल करने के प्रयासों का जायजा लिया। गृहमंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल से अमरनाथ गुफा में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है।
घटना के बाद सेना की 6 बचाव टीमें मौके पर मौजूद हैं। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि 48 घायलों को उपचार के लिए भेजा गया है। दो अतिरिक्त चिकित्सा दल को रवाना किया गया है। लापता लोगों को खोजने के लिए डॉग स्क्वायड लगाए गए हैं। घायलों को भारतीय वायुसेना की मदद से एयरलिफ्ट किया गया है। लापता लोगों की संख्या काफी है। यात्रा मार्ग भी कई जगहों पर बह गया है। ऐसे में फंसे हुए यात्रियों को अलग-अलग रेस्क्यू दल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रहे हैं।