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Last Modified: शनिवार, 1 अगस्त 2020 (19:00 IST)

लद्दाख सीमा पर बने तनाव का संबंधों पर दिखा असर, नहीं हुई एलएसी पर होने वाली बीपीएम

लद्दाख सीमा पर बने तनाव का संबंधों पर दिखा असर, नहीं हुई एलएसी पर होने वाली बीपीएम - The tension on the Ladakh border is showing an impact on the relationship
जम्मू। लद्दाख सीमा पर चीनी सेना द्वारा कई भारतीय इलाकों पर कब्जा कर लेने की कवायद से पैदा हुए तनाव का असर दोनों सेनाओं के संबंधों पर भी दिखा है। इस तनाव के बीच 1 अगस्त को चीनी पीएलए सालगिरह के मौके पर होने वाली बार्डर पर्सनल मीटिंग इस बार नहीं हो रही है। इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच 24 जुलाई को हुई सीमा कार्यतंत्र की बैठक में बनी रजामंदी के बावजूद अभी तक अगली सैन्य कमांडर स्तर वार्ता की भी कोई तारीख नहीं तय हो सकी है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना की 93वीं सालगिरह यानी पीएलए डे के मौके पर भारतीय सेना की तरफ से एक औपचारिक बधाई संदेश जरूर भेज दिया गया है। लेकिन सीमा पर होने वाली बीपीएम यानी बार्डर पर्सनल मीटिंग की रस्म को इस बार न आयोजित करने का फैसला किया गया है। सूत्रों के अनुसार आयोजन को टालने का फैसला दरअसल कोरोना संकट के मद्देनजर लिया गया है।

भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और चीन के नेशनल डे (1 अक्टूबर), मई दिवस (1 मई) और पीएलए डे (1 अगस्त) जैसे मौकों पर दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर दोनों देश बीपीएम आयोजित करते हैं। इसमें एलएसी के निर्धारित बीपीएम पर दोनों तरफ से सैन्य दस्ते एक-दूसरे के वरिष्ठ अधिकारियों की बारी-बारी से मेजबानी करते हैं। इस साल दोनों देशों के बीच पिछली बीपीएम बैठक नए साल के मौके पर हुई थी।

भारत और चीन के बीच फिलहाल सीमा पर सैन्य तनाव घटाने और सैनिक जमावड़ा कम करने की कवायदें भी ठिठक गई हैं। सूत्रों के मुताबिक 24 जुलाई को दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सीमा मामलों पर हुई डब्ल्यूएमसीसी की बैठक में बनी सहमति के बावजूद, सैन्य कमांडरों की वार्ता के लिए कोई तारीख तय नहीं हो सकी है।

जानकारी के लिए विदेश मंत्रालय ने 24 जुलाई को सीमा कार्यतंत्र की बैठक के बाद जारी बयान में कहा था कि दोनों पक्ष जल्द ही वरिष्ठ कमांडरों की बैठक बुलाने पर सहमत थे जिसमें आगे के उपाय तय किए जाएंगे, ताकि सीमा पर तनाव कम करने और सैनिक जमावड़ा घटाने के लिए साथ ही शांति बहाली जल्द सुनिश्चित किए जा सके। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर अभी तक चीन की तरफ से तारीख और समय मुकर्रर करने को लेकर कोई जवाब नहीं आया है।
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