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Last Updated : सोमवार, 17 अगस्त 2020 (22:00 IST)

बाग-बगीचे बने आतंकियों के ठिकाने, दर्जनभर गुप्त अड्‍डे तबाह

बाग-बगीचे बने आतंकियों के ठिकाने, दर्जनभर गुप्त अड्‍डे तबाह - The garden became the hideout of terrorists, destroyed a dozen secret roads
जम्मू। कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों में जुटे सुरक्षाकर्मियों के लिए वे बाग-बगीचे खतरनाक साबित हो रहे हैं जहां आतंकियों द्वारा गुप्त ठिकाने बनाए गए हैं क्योंकि इन ठिकानों का इस्तेमाल करते हुए आतंकी सुरक्षाबलों पर भारी पड़ रहे हैं।

पिछले एक माह में तकरीबन दर्जनभर ऐसे गुप्त ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में सुरक्षाबलों को कामयाबी तो मिली पर 6 से अधिक जवानों की शहादत भी उस समय देनी पड़ी जब इन्हीं ठिकानों का इस्तेमाल करते हुए आतंकियों ने उन पर हमला किया।

आज भी बारामूला के करीरी में ऐसा ही एक हमला सुरक्षाबलों पर उन आतंकियों ने किया जो बाग-बगीचों में घात लगाए बैठे थे। नतीजतन तीन जवान शहीद हो गए। यह बात अलग है कि बाद में हमलावर आतंकियों का पीछा कर तीनों को ढेर कर दिया गया था।

कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार का भी कहना है कि एक लंबे अरसे से आतंकी ऐसे ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आंकड़ों पर जाएं तो एक माह में सुरक्षाबलों के गश्ती दलों पर सड़क किनारे होने वाले हमलों के दौरान आतंकियों ने इन्हीं बाग-बगीचों में घात लगाई थी। ऐसे में हमलों में 6 से अधिक जवान शहादत पा चुके हैं।

सुरक्षाबलों को सिर्फ एक ही मामले में आतंकियों को ढेर करने में कामयाबी मिली है जबकि अन्य मामलों में वे सिर्फ ऐसे ठिकानों को ही नष्ट कर पाए हैं। ऐसे नष्ट किए जाने वाले ठिकानों की संख्या दो दर्जन से अधिक बताई जाती है।

अधिकारियों के बकौल, कई आतंकी कमांडर भी ऐसे स्थानों पर बनाए जाने वाले ठिकानों का इस्तेमाल शरण, हथियार व गोला-बारूद को छुपाने के लिए कर रहे हैं। दरअसल गर्मी के दिनों में पहले आतंकी पहाड़ों की ओर रूख कर लेते थे लेकिन अब पहाड़ों पर सुरक्षाबलों की दबिश बढ़ने का परिणाम है कि उन्होंने खेतों, बाग-बगीचों में जमीन के नीचे ठिकाने बनाने आरंभ किए हैं और उन्हीं का इस्तेमाल सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए किया जा रहा है।