• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Terrorism in Jammu and Kashmir

घुसपैठ के नए तरीके, छोटे गुट, नए सेक्टर और बड़े हथियारों से हमला

घुसपैठ के नए तरीके, छोटे गुट, नए सेक्टर और बड़े हथियारों से हमला - Terrorism in Jammu and Kashmir
जम्मू। पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को इस ओर धकेलने के प्रयासों में आ रही तेजी से ही सिर्फ भारतीय सेना हैरान नहीं है बल्कि घुसपैठियों द्वारा अपनाई जा रही नई नीतियों, अपनाए जा रहे नए रास्तों और साथ में लाए जाने वाले भारी-भरकम हथियारों से वह परेशान व हैरान है।


जम्मू कश्मीर को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से बांटने वाली एलओसी पर पिछले साल 88 स्थानों पर हुए 102 घुसपैठ के प्रयासों में हालांकि दर्जनों आतंकी मारे भी गए लेकिन इन प्रयासों ने भारतीय सेना के पांव तले से जमीन खिसका दी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि घुसपैठियों ने इस बार नए रास्तों का चयन कर घुसपैठ के प्रयास किए थे। घुसपैठियों को पाक सेना ने त्रेहगाम, पीर पंजाल तथा केरन सेक्टर के जिन इलाकों से इस ओर धकेला था वहां पर तैनात सैनिकों के लिए परेशानी यह थी कि वे पहली बार घुसपैठ के प्रयास का सामना कर रहे थे।

यही कारण था कि आतंकियों द्वारा किए गए हमले में कुछ जवानों की मौत हो गई थी। नार्दन कमान स्थित सेना प्रवक्ता के बकौल आतंकियों ने नीतियां बदली हैं। उनके द्वारा घुसपैठ के लिए अपनाए जा रहे नए रूट और गुटों में आतंकियों की संख्या कम करने की नीति जरूर चौंकाने वाली है। असल में इन सेक्टरों में एक ही स्थान पर से बीस-पच्चीस आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास नहीं किया था बल्कि दो से तीन के गुटों ने अलग-अलग सीमा चौकियों का रास्ता ढूंढा था।

इसके पीछे की रणनीति अधिक से अधिक भारतीय सैनिकों को उलझाना था। वे इसमें कामयाब भी रहे थे। तभी तो बांडीपोरा के एलओसी से सटे जंगलों में पूरा एक हफ्ता घुसपैठ करने में कामयाब रहने वाले आतंकियों से मुकाबला होता रहा था। भारतीय जवानों के समक्ष मुश्किल यह आई थी कि एक तो आतंकियों ने दुर्गम क्षेत्रों का चुनाव किया था तो दूसरा वे बिखरे हुए थे जबकि एक नया बदलाव घुसपैठ में यह आया है कि आतंकी अब अपने साथ बड़े हथियार भी ला रहे हैं।

रक्षा सूत्र कहते हैं कि घुसपैठिए मिनी तोपखानों का सहारा लेते रहे हैं, तो प्रवक्ता कहते थे कि वे मोर्टार जरूर ला रहे हैं और उनसे हमले कर भारतीय सेना की चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं। नतीजतन स्थिति यह है कि एलओसी पर घुसपैठ के बढ़ते प्रयासों में आतंकियों की नई रणनीतियां भारी पड़ती नजर आ रही हैं और अगर खुफिया एजेंसियों की मानें तो इन प्रयासों में कई घुसपैठिए घुसपैठ में कामयाब रहे हैं, जिन्हें कश्मीर में आतंक और दहशत फैलाने का टारगेट दिया गया है।
ये भी पढ़ें
आंध्र में चंद्रबाबू सरकार का ऐलान, लोगों को देगी स्‍मार्टफोन