आतंकी फंडिंग के 10 आरोपियों को एटीएस हिरासत में भेजा
लखनऊ। विशेष अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा से कथित संपर्क रखने और आतंकियों को धन मुहैया कराने में शामिल 10 आरोपियों को पूछताछ के लिए बुधवार को आतंकवादरोधी दस्ते (एटीएस) की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश रीमा मल्होत्रा ने आरोपियों को पूछताछ के लिए एटीएस की हिरासत में भेजा।
एटीएस ने आरोपियों की पासबुक और एटीएम कार्ड जब्त करने तथा उनसे पूछताछ के लिए 7 दिन की हिरासत मांगी थी। 9 आरोपियों को उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 25 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। 10वें आरोपी उमा प्रताप सिंह उर्फ सौरभ मध्यप्रदेश से ट्रांजिट रिमांड पर लाकर यहां पेश किया गया।
एटीएस ने 22 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की थी और पूछताछ के दौरान कई एटीएम कार्ड, 42 लाख रुपए नकद, स्वैप मशीन, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, 3 लैपटॉप, विभिन्न बैंकों की पासबुक, तमंचा और कारतूस बरामद किए गए। एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने रविवार को बताया था कि 3 लोग पाकिस्तान के इशारे पर आतंकी फंडिंग में शामिल थे।
गिरफ्तार लोगों की पहचान नसीम अहमद, नईम अरशद, संजय सरोज, नीरज मिश्र, साहिल मसीह, उमा प्रताप सिंह, मुकेश प्रसाद, निखिल राय उर्फ मुशर्रफ अंसारी, अंकुर राय और दयानंद यादव के रूप में की गई है। अरुण ने बताया कि लश्कर का एक सदस्य आरोपियों के संपर्क में था और उसने ही उन्हें फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिए कहा था।
लश्कर का वही संपर्क आरोपियों को निर्देश देता था कि किस खाते में कितना धन जाना है। भारतीय एजेंट को इसके लिए 10 से 20 फीसदी दलाली मिलती थी। अब तक 1 करोड़ रुपए के लेन-देन की बात प्रकाश में आई है। (भाषा)