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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 13 मई 2017 (11:56 IST)

भारत ने किया 'तेजस' से मिसाइल परीक्षण, अब दुश्मन की खैर नहीं

भारत ने किया 'तेजस' से मिसाइल परीक्षण, अब दुश्मन की खैर नहीं - tejas fighter plane Missile Test
हल्के लड़ाकू विमान 'तेजस' से शनिवार को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इससे मानव दृष्टि से परे अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइल से 'तेजस' को शक्तिसंपन्न करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र पर किया गया।
 
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस परीक्षण का उद्देश्य 'तेजस' के एवियॉनिक्स, फायर कंट्रोल रडार, लॉन्चरों और मिसाइल शस्त्र प्रणाली के साथ डर्बी बीवीआर मिसाइल प्रणाली के एकीकरण के प्रदर्शन को आंकना था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण अपने सभी मानकों पर खरा उतरा।
 
'तेजस' विमान की सबसे बड़ी खासियत है इसका हल्का वजन और इसकी तेज रफ्तार। 'तेजस' फाइटर जेट 2,200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आसमान का सीना चीरता है। इसकी वजह ये है कि इसका कुल वजन 6,540 किलोग्राम है और हथियारों से पूरी तरह लैस होने पर ये करीब 10,000 किलोग्राम का हो जाता है, जो भारत के दूसरे लड़ाकू विमानों से कम है। 'तेजस' 50,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने में भी सक्षम है।
 
'तेजस' में सिर्फ 1 इंजन है और इसमें सिर्फ 1 पायलट बैठ सकता है। निचले हिस्से में एकसाथ 9 तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं। इन हथियारों में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवा से धरती पर मार करने वाली मिसाइल, हवा से पानी पर हमला करने वाली मिसाइल, हवा से हवा में दूसरे लड़ाकू विमानों को मारने वाली लेजर गाइडेड मिसाइल, रॉकेट और बम शामिल हैं।
 
आवाज की दोगुनी रफ्तार से उड़ान भरने वाले 'तेजस' की खूबी ये है कि ये एक बार में 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है। इसमें अमेरिकी कंपनी जीई का ताकतवर इंजन लगाया गया है। इसराइल से खरीदे गए अत्याधुनिक एल्टा रडार तकनीक इस पर दुश्मन के रडारों की नजर नहीं पड़ने देती यानी ये चुपचाप दुश्मन पर हमला कर देता है। 
 
सबसे बड़ी बात ये है कि अगर पायलट विमान पर काबू न रख पाए तो इसमें लगे कम्प्यूटर खुद विमान को संभाल लेते हैं। भारतीय वायुसेना 'तेजस' को अपने बेड़े का हिस्सा बनाने के लिए 30 साल के ज्यादा वक्त से इंतजार कर रही थी। वह सपना अब पूरा हुआ है लेकिन देरी ने 'तेजस' को बेहद महंगा बना दिया है।
 
साल 1983 में 6 'तेजस' विमानों का अनुमानित खर्च 560 करोड़ आंका गया था लेकिन अब एक 'तेजस' विमान की कीमत ही 250 करोड़ तक जा पहुंची है। कुल मिलाकर योजना 120 'तेजस' विमानों को बेड़े में शामिल करने की है। इसके अलावा नौसेना के लिए 40 'तेजस-एन' विमान तैयार किए जा रहे हैं। इन 160 'तेजस' विमानों की कुल कीमत 37,000 करोड़ से ज्यादा है। (एजेंसी)
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