'ताजमहल' का 500 मीटर दायरा निर्माण निषेध घोषित
नई दिल्ली। ताज ट्रेपेजियम प्राधिकरण (टीटीजेड) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि ऐतिहासिक ताजमहल के 500 मीटर के दायरे को 'निर्माण निषेध क्षेत्र' घोषित किया गया है और उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण एवं विकास के बीच संतुलन सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र योजना बनाई है।
टीटीजेड प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने कहा कि ताजमहल की रक्षा एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें ऐतिहासिक मकबरे के पास लकड़ी तथा पूरे क्षेत्र में नगर निगम के ठोस अपशिष्ट एवं कृषि अपशिष्ट के जलाने पर रोक शामिल है।
टीटीजेड उत्तर प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा तथा राजस्थान के भरतपुर में करीब 10400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला इलाका है। टीटीजेड प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ताज की रक्षा तथा टीटीजेड में पर्यावरण को बचाने एवं उसमें सुधार से जुड़े कार्यक्रमों की निगरानी एवं अन्य मुद्दों के लिए स्थापित किया गया था।
शीर्ष अदालत के 20 नवंबर के निर्देश पर दायर अपने हलफनामे में प्राधिरकण ने कहा है कि टीटीजेड क्षेत्र में कोई ताप बिजली संयंत्र नहीं चल रहा है तथा आगरा में डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल को रोकने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा रही है।
न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने 20 नवंबर को यह जानना चाहा था कि क्या ताजमहल को न केवल पर्यावरण की दृष्टि से बल्कि अन्य पहलुओं के हिसाब से भी बचाने के लिए कोई समग्र योजना है। न्यायालय पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने ताज को प्रदूषणकारी गैसों एवं वनों की कटाई के दुष्प्रभावों से बचाने की मांग की थी। (भाषा)