मेरठ। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती राज राजेश्वरी मंदिर के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा और आरएसएस पर तीखी टिप्पणी कर दी।
शंकराचार्य ने कहा कि लव जिहाद पर भाजपा दोहरी नीति अपनाए हुए है, एक तरफ तो भाजपा लव जिहाद का विरोध करते हुए कानून लाने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रामलाल के यहां बेटी की शादी मुस्लिम युवक से होने पर भी आशीर्वाद देने पहुंचे थे। इस बात को सुनकर संघ कार्यकर्ता और सांसद ने विरोध दर्ज कराया, जिसके चलते शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और सांसद राजेन्द्र अग्रवाल में नोकझोंक हो जाती है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि देश में दो तरह के हिंदू हो रहे हैं, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मोहन वैद्य को कोड करते हुए कहा कि उत्तर पूर्व के 30 हजार स्वयं सेवक गो मांस खाते हैं, हम किसी के खानपान पर रोक नहीं लगाते। शंकराचार्य ने कहा कि जब तुम्हारे स्वयं सेवक गो मांस खाएं, मुसलमानों से विवाह भी करें, तब भी वह सच्चे हिंदू कहलाते हैं और हम मुसलमानों से परहेज करें।
ऐसे में दोनों बात कैसे साथ चल सकती है। शंकराचार्य ने कहा कि हम सनातन हैं और अपनी सनातन धर्म और परंपरा को जीवित रखने के लिए आचार्य बने रहेंगे। हम तो बस सभी से यह कहते हैं कि सभी में परमात्मा है, किसी को छोटा-बड़ा कहकर अपमान मत करो। अपनी परंपरा और संस्कृति को जीवित रखो, न कि उनका संकरीकरण हो।
उन्होंने कहा कि प्यार अंधा होता है, प्यार में अच्छा-बुरा कुछ दिखाई नहीं देता है। शंकराचार्य बोले कि सरकार शादी की उम्र बढ़ा रही है, दूसरी ओर वह कोई ठोस कदम नहीं ले पा रही है। आज बच्चे घर से बाहर रहकर पढ़-लिख रहे हैं। लड़के- लड़की का भेद भूलकर वह सभी सहमित्र बनकर पढ़ रहे हैं।
घर से दूर रहकर पढ़ने वाले बच्चों को अपने माता-पिता का पूरा प्यार नहीं मिल पाता, देर से शादी होती है, ऐसे में वह बच्चे अपोजिट सेक्स के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। पढ़ाई के समय का यह आकर्षण उन्हें प्यार में अंधा बना देता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ठोस योजना बनानी होगी।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा लव जिहाद पर की गई टिप्पणी पर मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने विरोध किया। उन्होंने शंकराचार्य से कहा कि रामलाल संघ के पदाधिकारी हैं, संघ के लोग शादी नहीं करते, ऐसे में उनकी बेटी कहां से आ गई।
सांसद बोले, रामलाल के भाई की बेटी के विवाह समारोह में प्रधानमंत्री आशीर्वाद देने गए थे। सांसद का कहना है कि इस बात को सुनकर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वह भाजपा और संघ के किसी भी व्यक्ति बे बातचीत नहीं करना चाहते। बस उसके बाद शंकराचार्य के शिष्यों ने वहां से उन्हें बाहर कर दिया। हालांकि शंकराचार्य का कहना है कि सांसद ने कहा, वह उन्हें शंकराचार्य नहीं मानते, साधु-संत इस तरह से अनुचित गुस्सा नहीं करते हैं।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आदिपुरुष फ़िल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिल्म से विवादित अंश हटाने से कुछ नहीं होगा। जनभावनाओं और धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली फिल्म पर सेंसर बोर्ड को रोक लगानी चाहिए।