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Last Modified: सोमवार, 13 दिसंबर 2021 (19:15 IST)

SC ने कहा- CBSE को सुधार परीक्षा में छात्रों की समस्‍या पर विचार करना चाहिए

SC ने कहा- CBSE को सुधार परीक्षा में छात्रों की समस्‍या पर विचार करना चाहिए - Supreme Court said CBSE should consider the problem of students in the improvement examination
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को उन छात्रों की समस्या पर विचार करना चाहिए जिन्होंने इस साल 12वीं कक्षा के अंकों में सुधार के लिए परीक्षा दी थी लेकिन कम अंक प्राप्त किए, क्योंकि इससे उच्च अध्ययन के लिए प्रवेश में जगह बनाने के बावजूद वे प्रभावित होंगे।

शीर्ष अदालत ने कहा कि सुधार परीक्षा में बैठने वाले छात्रों ने अपने मूल परिणामों के आधार पर प्रवेश लिया है और इसमें कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ को सूचित किया गया कि सीबीएसई ने एक जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि बाद में सुधार परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्रों के पिछले परीक्षा परिणाम पर विचार किया जाएगा और उनके पास इसे बरकरार रखने का अवसर रहेगा।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा, दिक्कत केवल उन छात्रों के साथ है जिन्होंने सुधार परीक्षाओं में कम अंक प्राप्त किए हैं। ऐसे छात्रों ने भी अपने पिछले परीक्षा परिणाम के आधार पर प्रवेश लिया है। इसलिए ऐसे छात्रों को अपने उस मूल परिणाम को बरकरार रखने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए जो कि मूल्यांकन नीति के आधार पर जारी किया गया था।

शीर्ष अदालत कुछ ऐसे छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो इस साल सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में अपने अंकों में सुधार के लिए सुधार परीक्षा में शामिल हुए थे। याचिकाकर्ताओं ने बोर्ड को अपने मूल परिणामों को बनाए रखने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

पीठ ने सीबीएसई की ओर से पेश वकील से कहा कि सुधार परीक्षाओं में कम अंक प्राप्त करने वाले ऐसे छात्रों ने, जिन्होंने अपने मूल अंकों के आधार पर प्रवेश लिया है, इससे उनका प्रवेश तत्काल प्रभावित होगा।

पीठ ने सीबीएसई के वकील से कहा, आपको इस पर विचार करना होगा। यह केवल एक बार की व्यवस्था है। यह एक स्थाई नीति नहीं है। इस पर वकील ने कहा कि इस पहलू पर निर्देश लेंगे। अदालत ने आगे कहा, आप या तो हां या ना कहें अन्यथा हम निर्देश जारी करेंगे। प्रवेश बाधित नहीं होना चाहिए। हम केवल यही कहेंगे।

शीर्ष अदालत ने बोर्ड के वकील से पूछा कि क्या उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है क्योंकि यह एक ऐसी समस्या होगी जिसका सामना सुधार परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को करना होगा। सीबीएसई के वकील ने कहा कि वह इस पर निर्देश लेंगे, जिसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई सात जनवरी के लिए तय की।(भाषा)
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