अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के प्रदर्शन पर रोक की मांग को लेकर जारी बवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे सभी लोगों को स्पष्ट हिदायत दी है, जो भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विरोध कर रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'एन इंसिग्निफिकेंट मैन' की रिलीज पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि फिल्म, नाटक, उपन्यास और किताब लेखन एक सृजनात्मक कला है। कोई भी रचनात्मक व्यक्ति अपने विचारों को अपनी कला के माध्यम से व्यक्त कर सकता है। उसे इससे रोका नहीं जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति दर्शक के विचारों को झकझोरने वाली हो सकती है, लेकिन इस पर नियंत्रण सिर्फ कानून में दी विधि से किया जा सकता है। अदालतों को ऐसे मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल की जिंदगी पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'एन इन्सिगनिफिकेंट मैन' आज देशभर में रिलीज हो रही है। इसके खिलाफ याचिका नचिकेता वालहेकर ने दायर की थी। यह वही युवक है, जिसने 2013 में केजरीवाल पर कथित रूप से स्याही फेंकी थी।