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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : रविवार, 1 जनवरी 2023 (13:46 IST)

2023 में 3 बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए संकल्प के साथ दिखानी होगी एकजुटता

2023 में 3 बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए संकल्प के साथ दिखानी होगी एकजुटता - Solidarity will have to be shown with determination to deal with 3 major challenges in 2023
नए साल का स्वागत आज पूरी दुनिया नई उमंग और नए जोश के साथ कर रही है। हम सभी नए संकल्प के साथ नए साल में प्रवेश कर रहे है। नए साल में देश के सामने चुनौतियां भी कम नहीं है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक संकल्प और द़ढ इच्छाशक्ति की जरूरत है। महंगाई औऱ बेरोजगारी जैसे चुनौतियों से निपटने के लिए जहां सरकार को देश के सामने 2023 में एक रोडमैप प्रस्तुत करना होगा तो वहीं कोरोना जैसी चुनौती से निपटने के लिए समाज को जनभागीदारी के साथ एकजुटता के साथ आगे आना होगा।

महंगाई को काबू में करना बड़ी चुनौती?-नए साल में महंगाई की चुनौती से निपटना सरकार के साथ आम लोगों के सामने एक बड़ा चैलेंज है। नए साल में सरकार की पहली प्राथमिकता महंगाई से निपटना होगा। 2023 में खाद्य प्रदार्थों की बढ़ती कीमतों को काबू में करना और देश में आर्थिक विकास दर लाना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। अगर बीते 2022 के परिदृश्य को देखा जाए तो सरकार के लिए इन दोनों चुनौतियों से निपटना आसान नहीं होगा। 2022 में रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से जनता बेहाल है और वह नए साल में सरकार की तरफ राहत की बड़ी उम्मीदों से देख रही है।

भारत में रिजर्व बैंक ने महंगाई की दर 6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही। महंगाई पर ब्रेक नहीं लगने के कारण सप्लाई चेन के प्रभावित होने की आंशका बढ़ने लगी है। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर महंगाई को काबू में करने के जो भी प्रयास किए है वह अब तक विफल ही साबित हुए है।

महंगाई के साथ आर्थिक विकास दर को बनाए रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। साल 2023 में आर्थिक विकास को पहिया तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार पर आम बजट में कुछ बड़े कदम उठाने का दबाव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। महंगाई को काबू में लाने के लिए आरबीआई को आने वाले समय कुछ बड़े कदम उठाने ही होंगे वहीं सरकार को बजट में भी कुछ बड़े एलान करने होंगे। वित्तमंत्री को बजट में ऐसे क्षेत्र (निर्माण, रियल एस्टेट, उत्पादन) में फंडिंग बढ़ानी होगी जिससे विकास और क्रय बढ़ने की संभावना ज्यादा हो। 
 
बेरोजगारी से निपटना चुनौती- साल 2023 में बेरोजगारी की चुनौती से निपटना सरकार के लिए बड़ा चैलेंज होगा। देश में एक तरफ युवा बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं रोजगार के अवसर कम होते जा रहे है दिसंबर महीने में देश में बेरोजगारी दर अब तक सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के पहले तीन हफ्तों में वर्क फोर्स के मुकाबले बेरोजगारी दर 8% से भी ज्यादा रही है। भारत में बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े डराने वाले है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के डेटा के मुताबिक  दिसंबर में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 10.9% तक पहुंच गई। वहीं इसी अवधि में ग्रामीण बेरोजगारी दर 8.4% रही, जबकि नवंबर में यह दर 7.6% ही थी।

बेरोजगारी सरकार के लिए चिंता का विजय है, इसलिए केंद्र औऱ राज्य सरकार का पूरा फोकस रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर है। केंद्र और राज्य सरकार रोजगार मेले के माध्यम से युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कर रही है। चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में हर महीने जिला स्तर पर रोजगार मेले का आयोजन कर युवा को निजी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

कोरोना की नई चुनौती-साल 2023 में एक बार दुनिया के साथ भारत के सामने कोरोनो की  नई चुनौतियों को लेकर कई तरह की आंशका  है। चीन में कोरोना वायरस के तांडव के साथ दुनिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मरीजों ने भारत के लिए चिंता की लकीरें खींच दी है। 2020 से कोरोना महामारी से जूझती दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना की नई लहर का अंदेशा जाताया जा रहा है। हलांकि भारत में अब तक कोरोना के ट्रेंड और भारत के लोगों में कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी के चलते विशेषज्ञ किसी नई लहर के आने की संभावना को  सिरे से खारिज कर रहे है लेकिन 2023 में भी कोरोना एक चुनौती के रूप में जाने अनजाने हमे सामने मौजूद रहेंगे।
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