सहयोगियों का साथ छोड़ना भाजपा की डूबती नैया का संकेत है : थरूर
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने जोर देकर कहा है कि शासन को केवल एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमते देख राजग के सदस्यों के बीच निराशा बढ़ रही है और यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा के कुछ साथी डूबती नैया का साथ छोड़ रहे हैं। थरूर ने यह भी कहा कि भाजपा को यह महसूस करना ही होगा कि जब आपके दोस्त ही आपसे नाखुश हैं, तो पूरा देश तो आपके प्रदर्शन को लेकर और अधिक नकारात्मक होगा ही।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि एक व्यक्ति को सर्वेसर्वा बनाए जाने से राजग के सदस्यों के बीच निराशा स्पष्ट तौर पर बढ़ रही है, जो हमने वर्तमान सरकार में देखा है और भाजपा के कुछ सहयोगियों का डूबती नाव का साथ छोड़ना शुरू करना इस बात का संकेत है कि गठबंधन में सब ठीक नहीं चल रहा।
तिरुवनंतपुरम से सांसद ने केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों पर काम कर रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) की कार्यशैली से तुलना करते हुए कहा कि संप्रग हमेशा से सामूहिक एवं विचारशील नेतृत्व का गठबंधन रहा है, जहां हर किसी की बात सुनी जाती है और सब पर गौर किया जाता है। थरूर ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने सबको साथ लेते हुए करीब 1 दशक तक भारतीय राजतंत्र के दायरे में रहकर सफलतापूर्वक काम किया है और यह निश्चित तौर पर एक ऐसी विशेषता है, जो उसे वर्तमान शासन के आकर्षक विकल्प के तौर पर पेश करती है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले भाजपा ने 2 प्रमुख सहयोगियों- चंद्रबाबू नायडु की तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का साथ गंवा दिया है। इसके अलावा भगवा पार्टी को उत्तरप्रदेश में भी अपने सहयोगियों- अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) का दबाव झेलना पड़ रहा है जिनके खेमे से असंतुष्टि के स्वर उठते सुनाई पड़ने लगे हैं। (भाषा)