• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. rs 18000 crore cr returned to banks from vijay mallya nirav modi and mehul choksi centre tells supreme court
Written By
Last Modified: बुधवार, 23 फ़रवरी 2022 (20:53 IST)

माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने बैंकों को लौटाए 18,000 करोड़ रुपए, केंद्र ने SC में दी जानकारी

माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने बैंकों को लौटाए 18,000 करोड़ रुपए, केंद्र ने SC में दी जानकारी - rs 18000 crore cr returned to banks from vijay mallya nirav modi and mehul choksi centre tells supreme court
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से बैंकों को 18,000 करोड़ रुपए लौटा दिए गए हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी कि यह रकम बैंकों को लौटा दिया गया है। इससे पूर्व सुप्रीम ने भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट की अवमानना करने का एक केस 24 फरवरी के लिए टाल दिया था। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को दो हफ्ते का समय दिया है। वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी डालने के लिए यह आखिरी समय है। 
 
तुषार मेहता ने जस्टिस एएम खानवलकर की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष बताया कि सुप्रीम कोर्ट में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA)से जुड़े मामले कुल मिलाकर 67,000 करोड़ रुपए हैं। खंडपीठ के अन्य सदस्य जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार हैं।
केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज की तारीख तक 4,700 मामलों की जांच की है और 2002 में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) लागू होने के बाद से कथित अपराधों को लेकर सिर्फ 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे मामलों में अदालतों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों द्वारा कवर की गई कुल राशि लगभग 67,000 करोड़ रुपये है।
 
सरकार ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी से जुड़े धन शोधन के मामलों में ईडी ने अदालती आदेश के बाद 18,000 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किए  हैं। शीर्ष न्यायालय पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की व्याख्या से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
 
मेहता ने पीठ से कहा कि कानून लागू होने के बाद से आज की तारीख तक ईडी द्वारा 4,700 मामले की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि 2002 में पीएमएलए लागू होने के बाद से आज की तारीख तक सिर्फ 313 गिरफ्तारियां हुई हैं। 2002 से अब तक, 20 वर्षों में सिर्फ 313 गिरफ्तारियां।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह कारण है कि बहुत कठोर सांविधिक सुरक्षा प्राप्त है। 
 
आंकड़ों का हवाला देते हुए मेहता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, चीन, हांगकांग, बेल्जियम और रूस जैसे देशों में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत सालाना दर्ज मामलों की तुलना में पीएमएलए के तहत जांच के लिए बहुत कम मामले लिए जा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक धन शोधन रोधी नेटवर्क का हिस्सा है और ऐसे कई समझौते हैं जिनमें सभी सदस्य देशों को अपने संबंधित धन शोधन कानून को एक दूसरे के अनुरूप लाने की आवश्यकता होती है।
 
मेहता ने कहा कि वैश्विक समुदाय ने पाया है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक ऐसा खतरा है जिससे देशों द्वारा निजी स्तर पर निपटा या इलाज नहीं किया जा सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रतिक्रिया देनी होगी।
 
"इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी 'बेलगाम घोड़ा' न बने। हमें मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में बहुत स्पष्ट होना पड़ेगा और एक राष्ट्र के रूप में हम सख्त हैं। वैश्विक समुदाय हमसे सख्त होने की उम्मीद करता है। बहस गुरुवार को भी जारी रहेगी।
 
सॉलिसिटर जनरल ने पहले पीठ को बताया था कि इस मामले में 200 से अधिक याचिकाएं हैं और कई गंभीर मामलों में अंतरिम रोक लगाई गई है, जिसके कारण जांच प्रभावित हुई है। इनमें से कुछ याचिकाओं में पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी गई है।
ये भी पढ़ें
Nawab Malik Arrested: नवाब मलिक 8 दिन तक ED की रिमांड में रहेंगे, पवार ने CM ठाकरे से की मुलाकात