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Last Modified: रविवार, 12 फ़रवरी 2017 (22:57 IST)

रियल एस्टेट अधिनियम के तहत न्यायाधिकरण का गठन करें राज्य : नायडू

रियल एस्टेट अधिनियम के तहत न्यायाधिकरण का गठन करें राज्य : नायडू - Real Estate Act,  tribunal
नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी आवास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राज्य सरकारों से आगामी 30 अप्रैल तक रियल एस्‍टेट (विनियमन एवं विकास), अधिनियम, 2016 के तहत जरूरी नियामक प्राधिकरणों और अपीली न्यायाधिकरणों की स्थापना करने की अपील की है जिससे कि एक मई से खरीददार किसी गडबड़बड़ी की स्थिति में राहत पाने के लिए गुहार लगा सकें।
नायडू ने 9 फरवरी, 2017 को सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को एक पत्र लिखकर कहा है कि रियल एस्‍टेट अधिनियम इस क्षेत्र के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण सुधारों में से एक है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ पहुंचेगा। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि इस पर व्‍यक्तिगत ध्‍यान दें, जिससे इस अधिनियम का कर्यान्‍वयन सही समय और सही प्रकार से हो सके। 
 
उन्होंने कहा है कि अभी तक केवल छ: राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों ने इस अधिनियम को अधिसूचित किया है। उन्होंने राज्यों को आगाह किया है कि यदि नियामक और अपीली संस्थाओं की स्थापना नहीं की जाती है तो इस क्षेत्र में खालीपन से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। नायडू ने मुख्‍यमंत्रियों से सही भावना और तरीके से अधिनियम का कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने में व्‍यक्तिगत दिलचस्‍पी लेने का आग्रह किया।
 
शहरी आवास मंत्री ने कहा है कि  'राज्य सरकारों से अधिकतम 30 अप्रैल, 2017 तक रियल एस्‍टेट नियामकीय प्राधिकरणों एवं अपीली ट्रिब्‍यूनलों की स्‍थापना करने की अपेक्षा की जाती है। यह समय सीमा महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि यह अधिनियम पहली मई 2017 से पूरी तरह संचालन में आ जाएगा और नियमों एवं नियामकीय प्राधिकरण तथा अपीली ट्रिब्‍यूनल के अभाव में अधिनियम का कार्यान्‍वयन प्रभावित होगा, जिससे इस क्षेत्र में खालीपन की स्थिति आ जाएगी।
 
उन्होंने कहा है कि यह कानून उपभोक्ताओं के हित में है और इसे लागू करना केन्द्र और राज्य सरकारों दोनों की ही जिम्मेदारी है। इससे न केवल उपभोक्‍ताओं को आवश्‍यक सुरक्षा उपलब्‍ध होगी, बल्कि यह रियल एस्‍टेट क्षेत्र को भी बढ़ावा देगा, जिससे सभी  पक्षों को लाभ पहुंचेगा। अधिसूचना जारी करने वाले राज्यों में गुजरात, मध्‍य प्रदेश, केरल एवं उत्‍तर प्रदेश शामिल हैं।  (वार्ता) 
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