नई दिल्ली। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने रविवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों के निवासियों से मुलाकात की और कहा कि हिंसा के दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए। ब्रह्मपुरी के अपने दौरे पर उन्होंने कहा कि यह देखना बहुत दु:खद है कि इतने सारे लोग हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
आध्यात्मिक गुरु ने कहा, हमें उन्हें इस सदमे से निकालना होगा और उनके जीवन को वापस पटरी पर लाना होगा। उन्होंने कहा, हमें उन लोगों के उदाहरणों से सीखना चाहिए, जिन्होंने दूसरों की जान बचाई और जो मानवता के लिए खड़े रहे। हमें असामाजिक तत्वों को दरकिनार करना चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए।
इस बीच, शिव विहार में एक नाले से एक शव को बाहर निकाला गया, जहां बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार में हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बड़ी संख्या में संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। उपद्रवियों की भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी और स्थानीय लोगों एवं पुलिसकर्मियों पर पथराव किया।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में भीषण सांप्रदायिक हिंसा के एक सप्ताह बाद दंगा प्रभावित इलाकों में स्थिति शांतिपूर्ण लेकिन तनावपूर्ण बनी हुई है। बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बीच मुख्य मार्गों पर अब लोगों और वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उत्तर पूर्वी जिले के सभी इलाकों में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात है। हम लोग स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहे हैं और उनमें आत्मविश्वास पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले 3 दिनों से उत्तर पूर्वी जिले से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है। पुलिस वहां के निवासियों से सोशल मीडिया पर आने वाली अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और इस बारे में अधिकारियों को सूचित करने का अनुरोध कर रही है।
हिंसा के कई दिन बाद तक सड़कों पर खामोशी पसरी थी, जो कभी लोगों और रेहड़ी पटरी वालों से पटी पड़ी रही थी। सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक शिव विहार में सड़कें वीरान हैं और सभी घरों पर ताला लगा है। मुस्तफाबाद में लोग संकरी गलियों में स्थित अपने-अपने घरों से बाहर निकलने में सावधानी बरत रहे हैं।
दिल्ली के कार्यवाहक पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने पटपड़गंज के अस्पताल में इलाज करा रहे डीसीपी अमित शर्मा से मुलाकात की। 24 फरवरी को गोकुलपुरी में हिंसा के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी शर्मा की ब्रेन की सर्जरी हुई है।
शनिवार को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी प्राथमिकता शांति बहाल करना और राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना है। लोगों में आत्मविश्वास भरने के लिए पुलिस ने व्यापक संपर्क कार्यक्रम शुरू किया है और वरिष्ठ अधिकारी हर समुदाय के लोगों से मिलकर उनसे बातचीत कर रहे हैं।
45 साल के मोहम्मद यूनुस ने कहा, पुलिस की मौजूदगी के बाद तनाव बना हुआ है। हम लोग ईद, होली, दिवाली साथ मनाते थे। मैंने अपने जीवन में कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया है। अब दु:ख और अविश्वास पनप गया है। जो हिंसा में शामिल थे वे इस इलाके से नहीं थे, वे बाहर से आए थे।
यूनुस की शिव विहार में कपड़ों की दुकान है। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान उन्हें उनके हिंदू पड़ोसियों ने बचाया और दंगाइयों से मेरी दुकान को बचाने के लिए उन्होंने बाहर बोर्ड पर लिखे दुकान के नाम को मिटा दिया।