इसके बाद लोग उनकी सोशल मीडिया पर खूब तारीफ कर रहे हैं। उनकी सादगी ने एक बार फिर उनकी महानता को दर्शाया है। रतन टाटा ने अपने कार्य से दर्शाया कि जीवन में पैसा ही सबकुछ नहीं होता है।
कर्मचारी के करीबी योगेश देसाई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि 83 वर्षीय रतन टाटा पुणे में अपने उस कर्मचारी से मिलने गए, जो पिछले 2 सालों से बीमार चल रहा है।
न कोई मीडिया और न कोई सुरक्षा, वे अपने कर्मचारी से मिलने चले गए। सभी उद्यमियों और व्यापारियों के लिए यह सीख है कि पैसा सब कुछ नहीं होता। आपको सलाम है सर। मैं आपके सम्मान में अपना सिर झुकाता हूं।
न कोई मीडिया और न कोई सुरक्षा, वे अपने कर्मचारी से मिलने चले गए। सभी उद्यमियों और व्यापारियों के लिए यह सीख है कि पैसा सब कुछ नहीं होता। आपको सलाम है सर। मैं आपके सम्मान में अपना सिर झुकाता हूं।
पुणे की फ्रेंड्स सोसायटी में कर्मचारी के निवास पर रतन टाटा ने उससे मुलाकात की। इसके साथ ही रतन टाटा की एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें वह उस कर्मचारी से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
बहुत से लोगों ने इसे लेकर अपने विचार सोशल मीडिया पर पर शेयर किए। गुरमीत नाम के व्यक्ति ने ट्वीट किया कि रतन टाटा अपने उस कर्मचारी से मिलने पुणे गए जो करीब 2 सालों से बीमार चल रहा है। आप कितने विनम्र हैं सर, आपको बहुत सम्मान सर।
प्रशांत सिंह नाम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया- रतन टाटा के होने से भारतीय समाज का हर सदस्य गर्व और धन्य महसूस करता है। मेरा मानना है कि आपकी विनम्रता हमें काफी कुछ सिखाती है। धन्यवाद सर।
(फोटो :LinkedIn)
प्रशांत सिंह नाम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया- रतन टाटा के होने से भारतीय समाज का हर सदस्य गर्व और धन्य महसूस करता है। मेरा मानना है कि आपकी विनम्रता हमें काफी कुछ सिखाती है। धन्यवाद सर।
(फोटो :LinkedIn)