केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा राम मंदिर के मामले में घिरे
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अपना बयान दोहराने वाले केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि देश के लोगों की इच्छा है कि देश में राम मंदिर बने। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि मामला कोर्ट में है। ऐसे में मंदिर का निर्माण आम सहमति या कोर्ट के आदेश से हो।
महेश शर्मा ने के अनुसार लोगों की इच्छा है कि वहां राम मंदिर बने लेकिन भाजपा और मेरा मानना है कि अगर मंदिर बनेगा तो या तो आम सहमति या कोर्ट के आर्डर से। हमारी पार्टी इस विषय पर अपना मत दे चुकी है, हम बता चुके है के देशवासी राम मंदिर बनाना चाहते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में केस है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हम पालन करेंगे, और किसी तरह की सहमति के बाद राम मंदिर बनाएंगे, इसलिए समय लग रहा है, प्रयास जारी है।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि सेक्युलर लोग बेवहज इसे विवाद में घसीट रहे हैं। महेश शर्मा के बयान देने के तुरंत बाद बीजेपी नेती सुब्रमण्यन स्वामी ने भी इस मुद्दे पर बयान देने में देर नहीं की। स्वामी ने ट्वीट किया कि महेश शर्मा ने कहा कि बीजेपी राम मंदिर बनवाएगी।
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री इस विषय पर कुछ न कहे तब तक किसी और के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। कोर्ट के निर्णय के खिलाफ कोई भी जाएगा तो अखिलेश सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
महेश शर्मा ने सिर्फ राम मंदिर पर ही बयान नहीं दिया बल्कि दादरी के बिसहड़ा गांव में बीफ मामले पर भी कुछ ऐसा बोल गए, जो विवाद की बड़ी वजह बन सकता है। उन्होंने मौके से बरामद मांस के टुकड़े की फॉरेंसिक जांच पर सवाल खड़े कर दिया।
उन्होंने कहा कि मांस के जो टुकड़े मौके से बरामद किए गए...उनकी सील किसने देखी थी? उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह कहा और खुद को तटस्थ करते हुए सीबीआई जांच की मांग का शगूफा उछाल दिया।