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Last Updated : मंगलवार, 8 मई 2018 (15:06 IST)

AMU को जमीन देने वाले राजा महेन्द्र ने अटलजी को दी थी पटखनी

AMU को जमीन देने वाले राजा महेन्द्र ने अटलजी को दी थी पटखनी - Raja Mahendra Pratap beats Atalji
इन दिनों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बवाल मचा हुआ है। दूसरी ओर राजा महेन्द्र प्रताप के वंशजों ने उनकी तस्वीर AMU में लगाने की मांग की है, जिन्होंने इस विश्वविद्यालय को जमीन दान में दी थी। राजा का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान है। उन्हें समाज सुधारक तौर पर भी जाना जाता है।
 
जाट राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 4.03 एकड़ जमीन दान दी थी। 
 
1909 में वृंदावन में प्रेम महाविद्यालय की स्थापना की जो तकनीकी शिक्षा के लिए भारत में प्रथम केन्द्र था। मदनमोहन मालवीय इसके उद्धाटन समारोह में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने पांच गांव, वृन्दावन का राजमहल और चल संपत्ति का दान कर दिया। बनारस हिंदू विश्वद्यालय के लिए उन्होंने भूमि ‍दान की। 
 
एक दिसंबर 1886 में मुरसान (हाथरस) में जन्मे राजा महेन्द्र ने 1957 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री और लोकप्रिय नेता अटलबिहारी वाजपेयी को मथुरा सीट पर चुनाव में हराया था। इस चुनाव में अटलजी की जमानत जब्त हो गई थी। 
 
राजा महेंद्र प्रताप का जन्म मुरसान के राजा बहादुर घनश्यामसिंह के यहां खड्गसिंह के रूप में हुआ था। बाद में उन्हें हाथरस के राजा हरिनारायणसिंह ने गोद ले लिया और उनका नाम महेंद्र प्रताप रखा।
 
स्वतंत्रता आंदोलन के समय राजा महेन्द्र ने निर्बल समाचार पत्र की शुरुआत की और भारतीयों में स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता लाने का काम किया। वे देश के लिए 32 सालों तक अपना परिवार छोड़कर दुनिया भर की खाक छानते रहे। 
 
अंग्रेजों ने इनके सिर पर इनाम रखा था और इनका राज्य भी हड़प लिया था। 1932 में राजा महेन्द्र को नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था।
 
राजा काबुल (अफगानिस्तान) में देश की प्रथम आजाद हिंद सरकार की स्थापना की। जापान ने उन्हें मार्को पोलो, जर्मनी ने ऑर्डर ऑफ रेड ईगल की उपाधि दी थी। वे चीन की संसद में भाषण देने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने गदर पार्टी के साथ मिलकर भी आजादी के लिए काम किया था।
 
अपनी अफगानिस्तान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में इनको नमन किया था।