रेल बजट में कुछ नई हरित पहलों की उम्मीद
नई दिल्ली। रेल बजट में इस बार सौर उर्जा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल, अपशिष्ट से उर्जा परियोजना और ट्रेन परिचालन में सीएनजी का प्रसार जैसी कुछ हरित पहलों की घोषणा की जा सकती है।
लोकसभा में 26 फरवरी को रेल मंत्री सुरेश प्रभु अपने पहले बजट संबोधन में जल शोधन संयंत्र की स्थापना सहित जल संरक्षण के लिए विस्तृत कवायदों की घोषणा भी कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कोच, स्टेशन भवन और प्लेटफार्म पर रोशनी के लिए सौर उर्जा के इस्तेमाल के साथ ही निर्माण इकाइयों और वर्कशापों में सौर उर्जा उत्पादन संयंत्र लगाए जाने की योजना है।
मंत्री रेल परिचालनों में वैकल्पिक ईंधन का अधिकतम उपयोग चाहते हैं और बजट में यह नजर भी आ सकता है।
रेलवे में जल संरक्षण के लिए प्रभु कोच डिपो, वर्कशाप और रेल फैक्टरी में जल शोधन संयंत्रों की स्थापना का प्रस्ताव भी दे सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि इन विचारों का मकसद जल की बर्बादी रोकना और इसका अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करना है। रेलवे की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने जल और उर्जा ऑडिट की मांग की थी।
देश में कई बड़े स्टेशनों पर गर्मियों के समय पानी की बड़ी किल्लत हो जाती है और रेलवे में जल क्षमता बढ़ाने के रास्तों का प्रस्ताव होगा।
जल संरक्षण के लिए देश भर में स्टेशनों पर जल प्रबंधन की दिशा में एक असरदार योजना भी लागू की जा सकती है। (भाषा)