शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. punjab assembly election 2022
Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला
Last Modified: शनिवार, 24 जुलाई 2021 (18:12 IST)

‍सिद्धू के 'शॉट' से पंजाब में 'हिट विकेट' ना हो जाए कांग्रेस

‍सिद्धू के 'शॉट' से पंजाब में 'हिट विकेट' ना हो जाए कांग्रेस - punjab assembly election 2022
23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू एक 'बल्लेबाज' के अंदाज में ही मंच से बोलने के लिए उठे थे। उन्होंने अपने भाषण के दौरान जमकर 'बल्लेबाजी' भी की। इशारों-इशारों में उन्होंने मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साध दिया। साथ ही सिद्धू ने अपने भाषण में एक बार भी कैप्टन का नाम लेना जरूरी नहीं समझा।
 
इसी मंच पर एक और दृश्य दिखाई दिया था जो संकेत देता है कि नवजोत और अमरिंदर पास जरूर बैठे थे, लेकिन उनके दिलों के बीच की दूरियां काफी ज्यादा हैं। कांग्रेस कार्यालय में हुए इस कार्यक्रम से पहले खबरें चल रही थीं कि सिद्धू ने कैप्टन के पांव छूकर आशीर्वाद लिया था, लेकिन मंच का नजारा कुछ अलग ही था। सिद्धू जब मंच से बोलने के लिए उठे तो उन्होंने वहां मौजूद 3-4 नेताओं के पांव छुए थे, लेकिन कैप्टन अमरिंदर की तरफ देखा तक नहीं। 
 
यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि अमरिंदर बिलकुल भी नहीं चाहते थे कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी जाए। सिद्धू भी इस बात को भली भांति जानते हैं। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने राज्य में संतुलन बनाए रखने के लिए चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए हैं। लेकिन, ऐसा होता दिख नहीं रहा है। क्योंकि सिद्धू ने 60 से ज्यादा विधायकों के साध जाकर स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर मुख्‍यमंत्री अमरिंदर को सीधी चुनौती पेश की है। 
सिद्धू ने अपने भाषण में कहा था कि वे अपने विरोधियों को छोड़ेंगे नहीं, उनका विस्तर गोल कर देंगे। उनके इस बयान को भी कैप्टन अमरिंदर से ही जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि पंजाब में सत्ता की लड़ाई और तेज हो सकती है। इसका असर टिकट वितरण से लेकर विधानसभा चुनाव पर भी देखने को मिल सकता है।
 
इसमें कोई संदेह नहीं कि सिद्धू अच्छे वक्ता हैं और उनका चुटीला अंदाज लोगों को काफी पसंद भी आता है। उनकी सभाओं में भीड़ भी जुटती है, लेकिन कई बार सिद्धू अतिशयोक्ति में ऐसा भी बोल जाते हैं, जिससे उनकी ही मुश्किलें बढ़ जाती हैं। दूसरी ओर, राजनीति के 'अनुभवी' खिलाड़ी कैप्टन सिंह कभी नहीं चाहेंगे कि सिद्धू पंजाब की सत्ता के भी 'कैप्टन' बन जाएं। 
 
हालांकि इस संबंध में जानकारों का मानना है कि सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद असंतोष की आग फिलहाल तो बुझ गई है, लेकिन आने वाले समय में यह फिर सुलग सकती है। जानकारों का तो यह भी मानना है कि सिद्धू की 'अति मुखरता' आने वाले विधानसभा चुनाव में कहीं कांग्रेस को 'हिट विकेट' न करवा दे।