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Last Updated : बुधवार, 21 अगस्त 2024 (18:28 IST)

चीन में काटा जाता है प्राइवेट पार्ट, कोरिया में गोली, इराक में मारे जाते हैं पत्थर, रेप के दोषी को इन देशों में दी जाती है खौफनाक सजा

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Punishment for rapists in different countries : कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या पर आज देशभर में गुस्सा है। लोग प्रदर्शन गुनाहगारों को फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं। दुनिया के कई देशों में बलात्कार के दोषी को दिल दहलाने वाली सजा दी जाती है। अधिकांश इस्लामिक राष्ट्रों में बलात्कार की सजा खौफनाक है। आइए जानते हैं कौनसे देश में कैसी सजा दी जाती है।
नर्क से बदतर सजा : भारत के पड़ोसी देश चीन में भी बलात्कार के दोषी को मौत की सजा होती है या फिर कई मामलों में दोषी के प्राइवेट पार्ट को काटने की सजा भी दी जाती है। तानाशाही वाले देश नॉर्थ कोरिया में आम जनता के लिए ही सख्त कानून हैं तो किसी आरोपी के लिए यहां नर्क से बदतर सजा है। बलात्कार के दोषी को इस देश में उम्र कैद या कुछ सालों की सजा जैसा कोई प्रावधान नहीं है। यहां दोषी को फा‍यरिंग स्कॉड गोली मार देती है। इजराइल में बलात्कारी के लिए 16 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा है। अफगानिस्तान में बलात्कारियों को अदालत द्वारा दिए गए फैसले के आधार पर 4 दिनों के भीतर सिर में गोली मार दी जाती है या फांसी पर लटका दिया जाता है।
 
इराक में बरसाए जाते हैं पत्थर : इराक में रेप के दोषी को जनता के सामने जमकर पत्थर मारे जाते हैं। उस पर तब तक पत्थर बरसाए जाते हैं तब तक कि उसकी मौत न हो जाए। सऊदी अरब में भी इस घिनौने कृत्य की सजा बहुत ही कड़ी है। यहां बलात्कार के आरोपी को जनता के सामने खड़ा कर उसका सिर कलम कर दिया जाता है। नीदरलैंड्‍स में अगर कोई शख्स किसी के साथ दुष्कर्म करता है तो इसे 4 से 15 साल की जेल हो सकती है।
 
पाकिस्तान में सजा ए मौत : पाकिस्तान में बलात्कार को एक जघन्यतम अपराध के तौर पर देखा जाता है। यहां बलात्कारी को सजा-ए-मौत से लेकर कठोरतम कारावास है। पाकिस्तान में हुदूद अध्यादेश में ज़िनाह अल-जब्र (बलात्कार) कानून के अनुसार गैंग रेप को विशेष रूप से मौत की सजा दी जाती है। मिस्र भी उन देशों में से एक है जहां अभी भी फांसी से मौत की सज़ा देने का पुराना तरीका अपनाया जाता है।
अमेरिका में बलात्कारी को आजीवन कारावास : अमेरिका का फेडेरल लॉ  या रेप शब्द का इस्तेमाल नहीं करता है। अमेरिका का कानून बिना सहमति के यौन कर्म करने का अपराध मानता है। फेडरल लॉ में इस जुर्म की सजा जुर्माना से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है। रूस में बलात्कार जैसे अपराध के लिए अधिकतम सजा 30 साल तक की है। यह अपराध की संगीनता पर निर्भर करता है। 
 
इसके अलावा शारीरिक दंड के साथ बलात्कारियों को कारावास की सजा का भी एक विकल्प है। फ्रांस में बलात्कार के लिए कानून काफ़ी सख्त हैं। इस देश में 15 साल की सज़ा देते हैं, जिसे नुकसान और क्रूरता की सीमा के आधार पर 30 या आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। 
 
भारत में क्या है बलात्कारी की सजा : आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। बीएनएस की धारा 64 में भी यही सजा रखी गई है। आईपीसी में धारा 375 में रेप को परिभाषित किया गया है जबकि 376 में इसके लिए सजा का प्रावधान है जबकि भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 में रेप की परिभाषा दी गई है और 64 से 70 में सजा का प्रावधान किया गया है।
 
नाबालिग पर कठोर सजा : बीएनएस में नाबालिगों से दुष्कर्म में सख्त सजा कर दी गई है। 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। आजीवन कारावास की सजा होने पर दोषी को ताउम्र जेल में बिताना पड़ेगी।
बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न पर पॉक्सो : देश में बच्चों और नाबालिगों के यौन-शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार द्वारा पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) लागू किया गया था, जिससे बाल यौन-शोषण की घटनाओ पर अंकुश लगाया जा सके। ये एक्ट या अधिनियम महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 में बनाकर लागू किया गया था। पॉक्सो एक्ट के अन्तर्गत दोषी को कड़ी सजा का प्रावधान है। पॉक्सो एक्ट में संशोधन से पहले अग्रिम जमानत का प्रावधान था। लेकिन संशोधन के बाद आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं दी जाती।