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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 14 नवंबर 2016 (15:34 IST)

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- 'नया भारत बन रहा है'

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- 'नया भारत बन रहा है' - President Pranab Mukherjee on note ban
आर्थिक समृद्धि के लिए शांति पर जोर देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि नया भारत आकार ले रहा है और वह पड़ोसी देशों में स्थिरता और विकास चाहता है।
मुखर्जी ने यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के 36वें संस्करण का औपचारिक उद्घाटन करते हुए कहा कि आर्थिक समृद्धि के लिए शांति और  स्थिरता जरूरी है। भारत का मानना है कि पड़ोसी देशों में स्थिरता बनी रहे और वहां के लोगों का आर्थिक विकास हो।
 
उन्होंने कहा कि भारत की विकास संबंधी नीति 'लोग सबसे पहले' की है और विकास की अवधारणा सहयोगात्मक भागीदारिता की है। देश का मुख्य एजेंडा क्षेत्रीय सदभावना, शांति और समृद्धि है जिसके तहत आधारभूत ढांचा, संपर्कता, क्षमता निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। मेक इन इंडिया और डिजीटल इंडिया जैसी परियोजनाओं और कार्यक्रमों से नया भारत आकार ले रहा है।
 
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत बहुस्तरीय संगठनों में समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम कर रहा है। इसके संयुक्त राष्ट्र से लेकर आर्कटिक परिषद और प्रशांत गठबंधन तक बात की जा रही है। भारत ने हाल में ब्रिक्स और बिम्सटेक में सम्मेलन आयोजित किए हैं और इस विचार को आगे बढाया है।
 
उन्होंने घरेलू अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपसी प्रतिस्पर्धा का विकास होगा। इससे निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी तथा रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
 
नवीनीकरणीय ऊर्जा पर जोर देने पर सरकार की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे स्वच्छ वातावरण बनाने में मदद मिलेगी और सतत् विकास होगा। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण, वरिष्ठ अधिकारी और कई देशों के राजनयिक भी उपस्थित थे। (वार्ता)
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