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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 12 अक्टूबर 2022 (17:57 IST)

जांबाज ‘जूम’ की सलामती के लिए दुआएं, गोलियां लगने के बाद भी आतंकियों से जूझता रहा सेना का जासूस डॉग

जांबाज ‘जूम’ की सलामती के लिए दुआएं, गोलियां लगने के बाद भी आतंकियों से जूझता रहा सेना का जासूस डॉग - Prayers for the safety of Indian Army spy dog Zoom
जम्मू। आतंकियों की गोली से जख्मी हुए ‘जूम’ की सलामती की खातिर दुआएं मांगी जा रही हैं। डाक्टर उसकी जान बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। ‘जूम’ के हैंडलर का रो-रोकर बुरा हाल इसलिए है क्योंकि उसने उसे अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार से उसे पाला है।
 
‘जूम’ भारतीय सेना का वह बहादुर जासूसी डॉग है, जो अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो गोलियां लगने के बाद जख्मी हो गया था। उसकी देखभाल कर रहे अधिकारियों के बकौल, अगले 48 घंटे जूम के लिए खतरे वाले हैं।
 
सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि जूम को उस घर के अंदर भेजा गया था, जहां आंतकदी छिपे हुए थे। आतंकियों ने उस पर गोलियां चला दीं जिसमें जूम को दो गोलियां लगीं, लेकिन इसके बावजूद वह आतंकियों से लड़ता रहा और उसकी मदद से सेना ने 2 आंतकियों को मार गिराया।
 
गोली लगने के बाद जूम को श्रीनगर स्थित सेना के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। सेना के अधिकारियों ने कहा कि जूम पहले भी उनके साथ कई सक्रिय अभियानों का हिस्सा रह चुका है। इस बार जूम को दो गोली लगी थीं, फिर भी वह आतंकियों से लड़ता रहा और अपना काम पूरा किया। उसकी मदद से हमने दो आतंकियों को मार गिराया है।
30 जुलाई को शहीद हुआ था एक्सल : इससे पहले 30 जुलाई को सेना का एक अन्य डाग ‘एक्सल’ भी एक आतंकी हमले में शहीद हो गया था। एक्सल को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि भारतीय सेना कुत्तों की विभिन्न नस्लें रखती है, जो आतंकी मुठभेड़ और सर्च ऑपरेशन में उनकी मदद करते हैं। इनमें लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम मालिंस और ग्रेट माउंटेन स्विस डॉग शामिल हैं।
 
सेना प्रवक्ता ने बताया कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल होने के बाद सर्जरी करने वाले भारतीय सेना के डाग जूम की हालत अगले 24-48 घंटों तक गंभीर है और मेडिकल टीम की निगरानी में है। सर्जरी के बाद उसकी हालत स्थिर है। उसके टूटे हुए पिछले पैर का प्लास्टर किया गया था। उसके चेहरे की चोटों का इलाज भी किया गया है। वह सेना के पशु चिकित्सा अस्पताल में मेडिकल टीम की निगरानी में है।
 
अधिकारी ने कहा कि घावों के बावजूद, उसने अपना काम जारी रखा जिसके परिणामस्वरूप दो आतंकियों को मार गिराया गया। जूम का श्रीनगर में इलाज चल रहा है। हालांकि, वह अब स्थिर है, अधिकारी ने कहा कि अगले 24 से 48 घंटे उसके लिए महत्वपूर्ण हैं। हमला करने वाला जूम ऑपरेशन तांगपावास की लड़ाकू टीम का हिस्सा था। जूम के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के लिए भारतीय सेना चिनार कोर ने ट्विटर का सहारा भी लिया है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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