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Last Modified: बेंगलुरु , गुरुवार, 3 अगस्त 2023 (01:03 IST)

तिरुपति मंदिर में लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी

तिरुपति मंदिर में लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी - Political rhetoric about ghee used in laddus in Tirupati temple
Karnataka News : तिरुमाला मंदिर देवस्थानम (टीटीडी) के अधिकारियों के इस बयान के बाद कि पिछले 2 दशकों में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में बंटने वाले लड्डुओं में केवल एक साल के लिए नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल किया गया था, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने कहा कि उसने कभी भी इस बारे में कोई दावा नहीं किया है कि वह मंदिर को कितने समय से घी की आपूर्ति कर रहा है।
 
रविवार को तिरुपति मंदिर के स्वादिष्ट प्रसाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई थी, जब केएमएफ द्वारा आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर को नंदिनी ब्रांड घी की आपूर्ति नहीं करने का संदर्भ दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर मंदिरों, हिंदू मान्यताओं एवं भक्ति के प्रति उदासीनता की नीति के चलते घी की आपूर्ति रोक देने का आरोप लगाया था।
 
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा था कि आंध्र प्रदेश में प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में बंटने वाले लड्डू को बनाने में इस्तेमाल होने वाले नंदिनी ब्रांड घी की आपूर्ति डेढ़ साल पहले भाजपा सरकार के कार्यकाल में रोक दी गई थी।
 
मुख्यमंत्री का बयान रविवार को केएमएफ अध्यक्ष भीमा नाइक की टिप्पणी के अनुरूप था। केएमएफ के अध्यक्ष नाइक ने रविवार को कहा था कि केएमएफ कीमत पर समझौता नहीं कर सकता, इसलिए उसने तिरुपति मंदिर का प्रबंधन करने वाले टीटीडी की निविदा प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
 
नाइक ने कहा, तिरुपति लड्डू के लिए केएमएफ घी का इस्तेमाल किया गया था। मेरा मानना है कि कोई भी अन्य घी नंदिनी घी की गुणवत्ता के सामने नहीं टिक सकता है। हमारे ग्राहकों ने हमें यह 100 प्रतिशत प्रमाणन दिया है। तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक, टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी एवी धर्म रेड्डी ने बताया कि केएमएफ ने पिछले 20 वर्षों में केवल एक बार घी की आपूर्ति की है।
 
रेड्डी ने पूछा, पिछले 20 वर्षों में उन्होंने केवल एक बार आपूर्ति की। क्या आपको लगता है कि पिछले 19 वर्षों से हमारे लड्डू खराब थे और केवल एक वर्ष यह अच्छे थे, वह भी उनके (नंदिनी के) 20 प्रतिशत घी के साथ? उन्होंने कहा, केएमएफ ने टीटीडी की केवल 20 प्रतिशत आवश्यकता को एक बार पूरा किया, वह भी पूरे एक साल में, जबकि उसे यह काम केवल छह महीने में करना था।
 
रेड्डी के अनुसार, टीटीडी को प्रतिदिन 15000 किलोग्राम या 15 टन घी, महीने में 450 टन और साल में 5,400 टन घी की आवश्यकता होती है। जब केएमएफ समय पर केवल 20 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा नहीं कर सका, तो नाइक हमारी पूरी आवश्यकता को पूरा करने के बारे में कैसे सोच सकते हैं।
 
नंदिनी घी के लिए एक साल के अनुबंध संबंधी टीटीडी की टिप्पणियों के जवाब में केएमएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, केएमएफ ने कभी भी इस बात पर कोई दावा नहीं किया है कि हम टीटीडी को कितने समय से घी की आपूर्ति कर रहे हैं।
 
केएमएफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एमके जगदीश ने कहा, आखिरी बार हमने 345 मीट्रिक टन (घी) की आपूर्ति की थी यानी वर्ष 2021-22 में हम एक बार फिर (टीटीडी के साथ) संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हमारे घी की गुणवत्ता बहुत बेहतर है और हम उन्हें घी देना चाहते हैं, लेकिन कीमत ही एकमात्र बाधा है। हम उनके साथ बातचीत करने की कोशिश करेंगे।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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