नई दिल्ली। सीबीआई ने 11,400 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में पहली हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी की। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नीरव मोदी फायरस्टार डायमंड के अध्यक्ष (वित्त) विपुल अंबानी को गिरफ्तार किया।
विपुल अंबानी से रविवार से पूछताछ की जा रही थी। एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया। 11,400 करोड़ रुपए के कथित पीएनबी घोटाला मामले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी तथा मेहुल चोकसी देश छोड़ कर जा चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले में दर्ज अपनी दो प्राथमिकियों के सिलसिले में जांच एजेंसी ने चार अन्य वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया।
अंबानी को कार्यपालक सहायक कविता मानकीकर तथा वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल के साथ, सीबीआई द्वारा दर्ज पहली प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। इस प्राथमिकी के तहत, 6,498 करोड़ मूल्य के 150 'लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग' (एलओयू) की जांच की जा रही है। एलओयू वह गारंटी होता है जो जारीकर्ता बैंक उन भारतीय बैंकों को आवेदक को अल्पकालिक रिण देने के लिए देता है जिनकी विदेशों में शाखाएं हैं। मानकीकर तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, स्टेलर डायमंड, सोलर एक्सपोर्ट्स में भी महत्वपूर्ण पदाधिकारी हैं। तीनों कंपनियां 31 जनवरी को जांच एजेंसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के तौर पर सूचीबद्ध हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में हीरा व्यापारी नीरव मोदी, उसकी पत्नी एमी, भाई निशाल और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी के नाम बतौर आरोपी हैं। ये सभी लोग जनवरी के पहले सप्ताह में देश छोड़ कर जा चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि शेष दो व्यक्ति कपिल खंडेलवाल और नितेन शाही को जांच एजेंसी द्वारा दर्ज दूसरी प्राथमिकी के सिलसिले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। खंडेलवाल नक्षत्र समूह और गीतांजलि समूह के सीएफओ तथा शाही गीतांजलि समूह के मैनेजर हैं। दूसरी प्राथमिकी जांच एजेंसी ने 15 फरवरी को चोकसी तथा उसकी तीन कंपनियों के खिलाफ दर्ज की थी। इस मामले में जांच 4,886 करोड़ रुपए के 143 एलओयू पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से जारी किए जाने को लेकर की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक के एक कार्यकारी निदेशक तथा नौ अन्य अधिकारियों से 11,400 करोड़ रुपए मूल्य की गारंटी मोदी तथा चोकसी को जारी किए जाने के सिलसिले में पूछताछ की। इस बीच, सीबीआई ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी को 11,400 करोड़ रुपए की फर्जी गारंटी जारी किए जाने के सिलसिले में पंजाब नेशनल बैंक के एक कार्यकारी निदेशक तथा नौ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से आज पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आयकर अधिकारियों ने चोकसी से संबद्ध 20 परिसरों पर छापे भी मारे।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच छठे दिन भी जारी रही। एजेंसी के प्रमुख कर्नल सिंह ने वैश्विक धन शोधन एजेंसियों की एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस का अपना निर्धारित दौरा रद्द कर दिया ताकि वह जांच की निजी तौर पर निगरानी कर सकें।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि मोदी और चोकसी से संबद्ध 13 परिसरों की तलाशी के दौरान करीब 10 करोड़ रूपये मूल्य की संपत्ति जब्त की गई।
एक अधिकारी ने बताया कि दूसरी ओर सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों के आठ वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों तथा गीतांजलि समूह के दस अधिकारियों से पूछताछ की। पीएनबी के तीन अधिकारियों बेचू तिवारी, यशवंत जोशी और प्रफुल सावंत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ में पता चला कि ये लोग पूरी जालसाजी का जिम्मा अपने सहयोगियों... गोकुल दास शेट्टी (सेवानिवृत्त अधिकारी) और मनोज खरात पर मढ़ने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया गया था। (भाषा)