मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. PNB scam, Arun Jaitley, PNB
Written By
Last Updated : मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018 (22:57 IST)

पीएनबी घोटाले पर क्या बोले वित्तमंत्री अरुण जेटली...

पीएनबी घोटाले पर क्या बोले वित्तमंत्री अरुण जेटली... - PNB scam, Arun Jaitley, PNB
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बैंकिंग प्रणाली के साथ धोखाधड़ी करने वाले धोखेबाजों को सरकार पकड़कर रहेगी। साथ ही उन्होंने बैंक के बैंकों के प्रबंधन तंत्र को भी इस बात के लिए कठघरे में खड़ा किया वह अपने अंदर के गड़बड़ी करने वालों को रोकने में नाकाम रहा है।


पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और धोखाधड़ी के कथित साजिशकर्ता नीरव मोदी का नाम लिए बगैर जेटली ने देश में कतिपय कारोबारियों के खिलाफ नैतिकता का सवाल उठाया। उन्होंने यह भी सवाल किया क्यों बैंक के आंतरिक और बाहरी ऑडीटर इस धोखाधड़ी को पकड़ने में विफल रहे जो सात साल से चल रहा था।

एशिया-प्रशांत विकास वित्तीय संस्थानों के संघ (एडीएफआईएपी) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, सरकार के रुप में यह हमारा दायित्व बनता है कि हम अपनी पूरी कानूनी क्षमता के साथ उन लोगों (धोखेबाजों) को पकड़ कर ही दम लें और उन्हें संभावित अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि देश के साथ कोई धोखा नहीं कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि मोदी के हीरा आभूषणों का उपयोग हॉलीवुड अभिनेत्री केट विंसलेट और डकोटा जॉनसन जैसी हस्तियां करती हैं। उनसे जुड़ी कई फर्मों ने मुंबई में पीएनबी की शाखाओं से 2011 से 2017 के बीच फर्जी ऋण वचनबद्धता पत्र (एलओयू) जारी करवा कर उनके माध्यम से आयातित माल के लिए भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से ऋण प्राप्त कर कथित धोखाधड़ी को अंजाम दिया। मोदी की संपत्तियों पर कई जांच एजेंसियों ने छापे मार रही हैं और बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।

जेटली ने कहा कि सरकार फंसे कर्ज के मुद्दों का उच्च स्तर पर कदम दर कदम समाधान कर रही है, लेकिन इस धोखाधड़ी के सामने आने से इन प्रयासों के सामने एक चुनौती खड़ी हो गई है। सरकारी बैंकों के प्रबंधकों याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें प्रबंधन की स्वायत्ता प्रदान की है और उन्हें सरकार से किसी तरह के फोन की जरुरत नहीं है।

उन्होंने कहा, जब प्रबंधन को अधिकार दिया गया है तो उससे उसका कारगर और उचित ढंग से इस्तेमाल करने की अपेक्षा की जाती है। ऐसे में यह बैंक प्रबंधन के लिए खुद एक सवाल है कि क्या उनमें ही कुछ कमी है? और जाहिर तौर पर इसका जवाब है कि वह दायित्व निभाने में विफल रहे हैं। जेटली ने कहा कि वे अपने बीच में ही गड़बड़ी करने वालों को पकड़ने में विफल रहे हैं।

उन्होंने यहां तक सवाल किया कि अधिकारी कर क्या रहे थे। ऑडिटरों की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए जेटली ने कहा कि आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के ऑडिटरों को अपने आप से पूछना चाहिए कि वे कर क्या रहे थे। वास्तव में यह तो वे अपनी निगाहें इधर उधर फेरे हुए थे या वे अनियमिताओं को पकड़ने विफल रहे। उन्होंने कहा कि आडिट पेशे का नियंत्रण करने वाले चार्टड अकाउंटेंटों को खुद के अंदर झांकना चाहिए।

साथ ही निगरानी करने वाली एजेंसियों से उन्होंने कहा कि उन्हें यह पता लगाने की जरुरत है कि नियमिताओं को पकड़ने के लिए किस तरह की अतिरिक्त नई प्रणालियों को अपनाया जाना चाहिए, जिससे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। इसके अलावा निगरानी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छुटपुट मामलों को शुरु में ही पकड़ लिया जाए और उनकी कभी पुनरावृत्ति ना हो। जेटली ने कहा कि धोखाधड़ी की लागत देश और करदाता को चुकानी पड़ती है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
6 करोड़ रुपए के गहने खरीदने के मामले में सिंघवी की पत्नी को नोटिस