पीएनबी घोटाला : एसआईटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय आज 11,000 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने और दूसरी राहतों की मांग को लेकर दायर की गई एक याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया।
उच्चतम न्यायालय में कल दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें विदेश भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी और घोटाले में कथित रूप से संलिप्त दूसरे लोगों के निर्वासन की प्रक्रिया जल्द से जल्द, अच्छा हो कि दो महीने के भीतर, शुरू करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के सामने आज एक याचिका का जिक्र किया गया। पीठ ने अगली सुनवाई 23 फरवरी को तय कर दी। वकील जेपी धंडा के जरिए दायर की गई जनहित याचिका में याचिकाकर्ता विनीत धंडा ने मोदी और एक दूसरे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की संलिप्तता वाले बैंकिंग घोटाले की जांच के लिए एक एसआईटी के गठन की मांग की है।
याचिका में पीएनबी के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका की जांच की भी मांग की गई है। वकील एमएल शर्मा के जरिए दायर की गई दूसरी याचिका में कहा गया कि एसआईटी में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल किए जाएं और दावा किया कि बैंकिंग घोटाले से आम जनता और सरकारी राजस्व को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
याचिका में मांग की गई कि घोटाले की जांच किसी ऐसी एजेंसी से ना कराई जाए जिस पर नेताओं/अधिकारियों का नियंत्रण हो। याचिका में आरोप लगाया गया कि भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय नियमों एवं नियमित तंत्र का पालन किए बिना मामले में ऋण जारी किए गए।
धंडा की याचिका में न्यायालय से वित्त मंत्रालय को 10 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि के ऋण देने के संबंध में दिशानिर्देश तय करने का निर्देश देने की मांग की गई, ताकि ऋण राशि की सुरक्षा एवं वापसी सुनिश्चित हो। इसमें देश में फंसे हुए ऋण मामलों के ब्यौरे का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति के गठन की भी मांग की गई। सीबीआई पहले ही मोदी, उनके रिश्तेदार चोकसी और अन्य के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है। (भाषा)