Ayushman Bharat Digital Mission : PM मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की, तैयार होगी देश के हर नागरिक की हेल्थ आईडी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) की शुरुआत की। इस योजना में देश के हर नागरिक का हेल्थ कार्ड बनेगा।
इस पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से की थी। अभी इस अभियान को 6 केंद्रशासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद रहेंगे।
क्या कहा PM मोदी ने : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की देशव्यापी शुरुआत ऐसे समय हो रही है जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना (AB PM-JAY) की तीसरे साल की वर्षगांठ मना रहा है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में आगे बढ़ते हुए भारत के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिली। बीते 7 वर्षों से देश की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
आज से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरु किया जा रहा है। ये मिशन देश के गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज में जो दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। 3 साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर पंडित जी को समर्पित आयुष्मान भारत योजना पूरे देश में शुरू हुई थी।
मुझे खुशी है कि आज से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरू किया जा रहा है। सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत भारत आज करीब-करीब 90 करोड़ वैक्सीन डोज लगा पाया है तो इसमें Co-WIN का बहुत बड़ा रोल है। कोरोना काल में टेलिमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।
ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ रिमोट कंसल्टेशन पूरे हो चुके हैं। यह सुविधा हर रोज देश के दूर-सुदूर में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे ही शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से कनेक्ट कर रही है। बीते 3 वर्षों में आयुष्मान भारत पर जो हजारों करोड़ रुपए सरकार ने खर्च किए हैं, उससे लाखों परिवार गरीबी के कुचक्र में फंसने से बचे हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, अब पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस को एक दूसरे से कनेक्ट करेगा। इसके तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी। हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा।
क्या है यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड : प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जो एक तरह का पहचान पत्र होगा। ये आधार जैसा ही होगा, जिसका 14 अंकों का रैंडम तरीके से जनरेट किया एक नंबर होगा। इसके जरिए किसी भी मरीज की निजी मेडिकल हिस्ट्री पता चल सकेगी। यह कार्ड आधार के जरिए भी बनाया जा सकेगा और सिर्फ मोबाइल नंबर से भी बनाया जा सकेगा।
यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अगर आप देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो आपको कोई जांच रिपोर्ट या पर्ची आदि नहीं ले जानी होगी। आपकी सारी जानकारी हेल्थ कार्ड में मौजूद होगी। डॉक्टर सिर्फ आपकी आईडी से ये जान सकेंगे कि आपको पहले कौन-सी बीमारी रही है और आपका कहां पर क्या इलाज हुआ था।