गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. PM Modi Mann ki baat
Written By
Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 30 अगस्त 2015 (16:07 IST)

अब भूमि अध्यादेश नहीं लाएगी सरकार- मोदी

अब भूमि अध्यादेश नहीं लाएगी सरकार- मोदी - PM Modi Mann ki baat
नई दिल्ली। भूमि कानून को लेकर किसी तरह के दुष्प्रचार में किसानों को नहीं आने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार भूमि अध्यादेश को पुन:स्थापित या फिर से जारी नहीं करेगी लेकिन किसानों को सीधा लाभ मिलने वाले 13 बिंदुओं को नियमों के तहत लाकर लागू कर रही है ताकि किसानों को नुकसान न हो।
 
 

 
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने एक अध्यादेश जारी किया था, कल 31 अगस्त को उस अध्यादेश (भूमि अधिग्रहण संबंधी) की सीमा समाप्त हो रही है, और मैंने तय किया है, इसे समाप्त होने दिया जाए।'
 
किसानों को किसी तरह के दुष्प्रचार में नहीं आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लेकिन उसमें एक काम अधूरा था, और वो था- 13 ऐसे बिंदु थे, जिसको एक साल में पूर्ण करना था और इसलिए हम अध्यादेश में उसको लाए थे, लेकिन इन विवादों के चलते वो मामला भी उलझ गया।
 
मोदी ने कहा कि उन 13 बिंदुओं को, हम नियमों के तहत लाकर आज ही लागू कर रहे हैं ताकि किसानों को नुकसान न हो, आर्थिक हानि न हो।
 
उन्होंने कहा कि  इसलिए जिन 13 बिन्दुओं को लागू करना पहले के कानून में बाकी था, उसको आज हम पूरा कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि अब न भ्रम का कोई कारण है, और न ही कोई भयभीत करने का प्रयास करे, और किसानों को भयभीत होने की आवश्यकता नही है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस भूमि अधिग्रहण कानून के सम्बन्ध में विवाद चल रहा है, उसके विषय में हम एक बात कहते आ रहे हैं कि सरकार का मन खुला है। किसानों के हित के किसी भी सुझाव को मैं स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आग्रहपूर्वक आई।
 
उन्होंने कहा कि सब को लगता था, कि गांव, गरीब, किसान का अगर भला करना है, खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहरें बनानी हैं, गांव में बिजली पहुंचाने के लिए खम्बे लगाने हैं, गांव के लिए सड़कें बनानी है, गांव के गरीबों के लिए घर बनाने हैं, गांव के गरीब नौजवानों को रोजगार के लिए व्यवस्थाएं उपलब्ध करानी हैं, तो हमें अफसरशाही के चंगुल से, कानून को निकालना पड़ेगा और तब जाकर के सुधार का प्रस्ताव आया था।
 
मोदी ने कहा, 'लेकिन मैंने देखा कि इतने भ्रम फैलाए गए, किसान को भयभीत कर दिया गया। किसानों को भ्रमित नहीं होना चाहिये, और भयभीत तो कतई ही नहीं होना चाहिए, और मैं ऐसा कोई अवसर किसी को देना नहीं चाहता हूं, जो किसानों को भयभीत करे, किसानों को भ्रमित करे, और मेरे लिए देश में, हर एक आवाज का महत्व है, लेकिन किसानों की आवाज का विशेष महत्व है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए जय-जवान, जय-किसान ये नारा नहीं है, ये हमारा मंत्र है जो गांव, गरीब, किसान के कल्याण से जुड़ा है। और तभी तो हमने 15 अगस्त को कहा था, कि सिर्फ कृषि विभाग नहीं, बल्कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग बनाया जायेगा, जिसका निर्णय हमने बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है। (भाषा)