स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने पहना बहुरंगी बांधनी प्रिंट का साफा
Narendra Modi on independence day : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित समारोह में सफेद कुर्ता और चूड़ीदार के साथ बहुरंगी राजस्थानी बांधनी प्रिंट का साफा पहने नजर आए।
प्रधानमंत्री के रूप में अपने 10वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मोदी ने काले रंग की वी-नेक जैकेट भी पहनी। उनके साफ़े का निचला हिस्सा लंबा था और इसमें पीले, हरे और लाल रंग का मिश्रण था।
प्रधानमंत्री मोदी 2014 से हर स्वतंत्रता दिवस पर रंगीन साफा पहनते रहे हैं। उन्होंने इस बार भी इस परंपरा को बरकरार रखा।
उन्होंने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की धारियों वाला सफेद रंग का साफ़ा पहना था। पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के ऊपर नीले रंग का जैकेट तथा काले रंग के जूते पहने, प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और लगातार नौवीं बार देश को संबोधित किया था। इससे पहले 75वें स्वतंत्रा दिवस पर मोदी ने धारीदार केसरिया साफ़ा पहना था।
74वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित समारोह में मोदी ने केसरिया और क्रीम रंग का साफ़ा पहना था। प्रधानमंत्री ने इसके साथ आधी बाजू वाला कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा पहना था। उन्होंने केसरिया किनारी वाला सफेद गमछा भी डाल रखा था, जिसे उन्होंने कोविड-19 से बचाव के उपायों के तहत इस्तेमाल किया।
वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद लाल किले से अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री ने कई रंगों से बना साफ़ा पहना था। यह लाल किले से उनका लगातार छठा संबोधन था।
पहली बार देश की कमान संभालने के बाद जब ऐतिहासिक लाल किले से प्रधानमंत्री ने पहली बार देश को 2014 में संबोधित किया था तब उन्होंने गहरे लाल और हरे रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में पीले रंग का साफा पहना था, जिस पर बहुरंगी धारियां थीं, जबकि 2016 में उन्होंने गुलाबी और पीले रंग का लहरिया टाई एंड डाई साफा चुना था। उन्होंने 2017 में सुनहरी धारियों वाला चटकीले लाल रंग का साफ़ा पहना था।
उन्होंने 2018 में केसरिया साफ़ा पहना था। गणतंत्र दिवस समारोहों में भी कच्छ के लाल बांधनी साफ़े से लेकर पीले राजस्थानी साफ़े तक, मोदी के साफ़े लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी ने आज आखिरी बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया।