कश्मीर में जम रही डल झील पर क्रिकेट खेलने का इंतजार है कश्मीरियों को
जम्मू। विश्व प्रसिद्ध डल झील भयानक सर्दी के कारण पूरी तरह से जमने की ओर अग्रसर है। ऐसे में लोग बेसब्री से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि इसके पूरी तरह से जम जाने के बाद क्या इस बार भी डल पर कोई गाड़ी चलेगी या फिर क्या इस बार भी लोग क्रिकेट खेल सकेंगे।
ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में रात का तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे चलने जाने से कल और आज विश्व प्रसिद्ध डल झील जम गई। शहर में आज नालों और नालियों सहित पानी के नल और अन्य जलाशयों का पानी भी जम गया। सुबह सूर्य दिखाई दिया, हालांकि बर्फीली हवाएं चलने के कारण लोग घरों के अंदर ही रहें।
मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अगले दो दिनों के दौरान मौसम शुष्क रहेगा। उन्होंने कहा कि शुष्क मौसम से रात के तापमान में और गिरावट आने के आसार है हालांकि धूप खिलने की वजह से अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। जबकि मौसम विभाग ने 22 से लेकर 25 दिसम्बर तक कश्मीर व लद्दाख में बर्फबारी की उम्मीद जताई है।
इतना जरूर था कि जैसे जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे विश्व प्रसिद्ध डल झील की ऊपरी सतह भी जमती जा रही है। इतना जरूर है कि कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए यह नजारा बेहद ही दिलकश है जिन्होंने पहली बार इस झील को जमते हुए देखा है।
चिल्लेकलां के दौरान डल झील का जमना कोई नई बात नहीं है। पर यह अभी से जमनी आरंभ हो गई है जबकि चिल्ले कल्लां अर्थात कश्मीर में भयानक सर्दी के प्रकोप का समय अभी शुरू नहीं हुआ है। चिल्लेकलां 21 और 22 दिसम्बर की रात को आरंभ होता है और यह 40 दिनों तक चलता है। वर्ष 1960 में गुलाम मुहम्मद बख्शी के मुख्यमंत्रित्वकाल में डल झील पूरी तरह जम गई थी।
उस दौरान बख्शी ने डल पर जीप चलाने का मजा लिया था। उस समय न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री नीचे तक गिर गया था। इसके अलावा 1986 में डल झील पूरी तरह जम गई थी तब निवर्तमान मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने डल पर मोटर साइकिल चलाया था। इसी साल स्थानीय युवकों ने जमे हुए डल पर एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था। इस टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लोगों ने सफलतापूर्वक समाप्त भी किया था। बुजुर्ग कहते हैं कि चिल्लेकलां के दिनों में अक्सर डल का पानी जम जाता है। इस साल के शुरू में भी डल झील पूरी तरह जम गई थी।
वर्ष 2005 के दिसंबर में भी चिल्लेकलां के दौरान डल का पानी जम गया था। जो कि करीब एक महीने तक जमा रहा था। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर कुछ दिनों तक मौम ऐसा ही रहा तो रात का तापमान और भी गिर सकता है। इससे डल का पानी और भी जम जाएगा क्योंकि दिन साफ रहने के कारण रात सर्द हो जाती है।