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Written By सुरेश डुग्गर
Last Updated : शनिवार, 16 फ़रवरी 2019 (21:11 IST)

एलओसी पर बैट हमले में सेना के मेजर शहीद, चार जवान घायल

एलओसी पर बैट हमले में सेना के मेजर शहीद, चार जवान घायल - officer martyr in Rajouri
जम्मू। कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले को अभी पूरे दो दिन भी नहीं बीते थे कि राजौरी के नौशहरा में आतंकियों ने एक और हमले को अंजाम दिया है। इसे पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) का हमला कहा जा रहा है जिसमें एलओसी को पार कर भारतीय क्षेत्र में आईईडी दबा कर किया गया। हमले में सेना के अधिकारी मेजर शहीद हो गए तो दो जवान भी जख्मी हो गए। दो अन्य जवान पाक सैनिकों की गोलीबारी के कारण भी जख्मी हो गए।
 
इस बार नौशहरा के लाम झंगड़ सब एरिया में आईईडी ब्लास्ट किया गया है। इसमें सेना का एक मेजर शहीद हो गए। सूचना मिल रही है कि यह एक बैट हमला था, पाकिस्तानी सेना और आतंकी मिलकर भारतीय सीमा के अंदर आए और उन्होंने आईईडी प्लांट कर दिया। इस घटना की जानकारी जब भारतीय सेना को लगी तो वहां सर्च ऑपरेशन किया गया। इसी दौरान ब्लास्ट हुआ और इंजीनियरिंग कोर के मेजर शहीद हो गए साथ ही दो जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पिछले महीने भी तीन सैनिकों की मौत ऐसे ही हमले में राजौरी में हुई थी।
 
सेना के प्रवक्ता के बकौल राजौरी में एलओसी के सेना के अफसर बम डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे थे तभी यह ब्लास्ट हुआ। ये बम आतंकियों द्वारा प्लांट किए गए थे। राजौरी जिले के नौशहरा सेक्टर में एलओसी से करीब 1.5 किलोमीटर अंदर यह धमाका हुआ। आईईडी ब्लास्ट के साथ ही बाबा खौड़ी इलाके में सैनिकों पर पाक सेना द्वारा की जाने वाली गोलीबारी में दो अन्य जवान भी जख्मी हो गए।
 
कौन है पाकिस्तान की खूनी टुकड़ी बैट : बैट अर्थात बॉर्डर एक्शन टीम कह लिजिए या फिर बॉर्डर रेडर्स, एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर है। ये पाकिस्तान सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के साथ काम करती है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसे सूचनाएं मुहैया करवाती है। बैट एलओसी या सीमा पर दुश्मन के इलाके में 1 से 3 किमी अंदर जाकर हमले करती है। चार हफ्ते हवाई युद्ध के साथ ही इनकी कुल ट्रेनिंग करीब 8 महीनों की होती है। इस टीम का मकसद सीमा पार जाकर छोटे-छोटे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन में दहशत फैलाना है। हमलों के दौरान बैट इनाम के तौर पर दुश्मन के सिपाहियों का सिर काट कर अपने साथ ले जाती है।
 
बेशर्म बैट ने की भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता
- एक मई 2017 को कृष्णा घाटी में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम पर हमला किया गया। दो जवान शहीद हुए। नायब सूबेदार परमजीत सिंह और हेड कांस्टेबल प्रेम सागर के शवों को क्षत-विक्षप्त किया गया।
- 22 नवंबर 2016 को मच्छेल सेक्टर में बैट के हमले में 3 भारतीय जवान शहीद हुए और एक जवान का सिर काट लिया गया और सिर को वह अपने साथ ले गई।
- 28 अक्टूबर 2016 को एलओसी पर बीएसएफ के सिपाही मनदीप के शव के साथ बर्बरता की गई और फिर वही घटनाक्रम दोहराया गया।
- 8 जनवरी 2013 को पुंछ में एलओसी के पास लांसनायक हेमराज सिंह तथा सुधाकर सिंह की हत्या की गई। बैट टीम हेमराज का सिर काटकर अपने साथ ले गई।
- 30 जुलाई 2011 को कुपवाड़ा की गुलदार चोटी पर बैट का हमला हुआ, 6 जवान शहीद हो गए। हमलावर बैट टीम हवलदार जयपाल सिंह तथा देवेंदर सिंह के सिर काटकर अपने साथ ले गई।
- जून 2008 को 2/8 गोरखा राइफल के जवान को केल सेक्टर में पकड़ा और उसका सिर काटकर साथ ले गई।
- मई व जून 1999 को करगिल में तैनात कैप्टन सौरभ कालिया व उनके 5 साथियों को बंदी बनाया गया था। करीब 22 दिनों तक जवानों को यातनाएं दी गईं और बाद में क्षत-विक्षप्त शवों को भारतीय इलाके में फेंक दिया।