Naveen Patnaik: देश सेवा कैसे की जाती है कोई इनसे सीखे… ना आरोप-प्रत्यारोप, ना प्रचार-प्रसार, बस चुपचाप मदद किए जा रहा है ओडिशा का ये ‘पप्पू’
- मैरी रोज बाबाराउरकेला: नवीन पटनायक। उनका निकनेम भले ही 'पप्पू' है, लेकिन ओडिशा की राजनीति में उनका कोई भी सानी नहीं है। पिछले 21 साल से नवीन पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं। यही नहीं, नवीन बाबू देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री भी हैं। कोरोना संकट के दौरान नवीन पटनायक जिस तरह से देश की सेवा कर रहे हैं, उसने उनके कद को और बढ़ा दिया है। जब कुछ सियासत दां ऑक्सीजन की कमी के चलते हो रही मौतों पर राजनीति करने में व्यस्त थे, तब नवीन पटनायक चुपचाप समस्या के समाधान में जुटे थे।
कोरोना महामारी के चलते उपजे ऑक्सीजन संकट के बीच 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री पटनायक ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और अन्य राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति में मदद की पेशकश की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के। चंद्रशेखर राव से बातचीत की और कहा कि ओडिशा अब इन राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर यहां की आपूर्ति पूरा करेगा।
ओडिशा पुलिस ने एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया है, ताकि ऑक्सीजन टैंकर्स बिना किसी देरी के अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। पिछले 32 दिनों के दौरान ओडिशा के राउरकेला, जाजपुर, ढेंकनाल और अंगुल जिलों से 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक 20,613 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने वाले कुल 1,124 टैंकर्स को भेजा गया है।
गौरतलब है कि देश के विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है, लेकिन नवीन पटनायक सरकार के अग्रिम प्रयास के कारण राज्य में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन मौजूद है। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लांसेट ने भी कोरोना के प्रति ओ़डिशा सरकार की तैयारी और अलग-अलग राज्यों के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन और उनकी आपूर्ति करने की सराहना की है।
मुख्यमंत्री पटनायक ऑक्सीजन प्रबंधन की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडरों की रिफिलिंग और ऑक्सीजन के निर्बाध परिवहन के प्रबंधन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। पटनायक ने बताया कि ये टास्क फोर्स तत्काल जरूरतों के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों के लिए समग्र योजना को देखेगा।
नवीन पटनायक ने अपने राज्य में भी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में काफी सक्रियता से कदम उठाए हैं। जैसे-
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कोरोना प्रबंधन में ग्राम पंचायत, गांव कल्याण समिति और सरपंचों को शामिल किया गया है।
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एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी और मिशन शक्ति ग्रुप के कार्यकर्ताओं को कोविड-19 की रोकथाम में अहम भूमिकाएं दी गई हैं।
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आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आज से 24 मई से 3 महीने के लिए घर-घर जाकर कोरोना मरीजों की पहचान करेंगी।
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आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह 1000 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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गांव स्तर पर COVID-19 संबंधित गतिविधियों के लिए प्रत्येक गांव कल्याण समिति को 10,000 रुपये की राशि स्वीकृत की जाएगी।
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आशा कार्यकर्ताओं को साइकिल, अलमारी, चप्पल, छाता और टॉर्च खरीदने के लिए 10,000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी।
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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को फ्री एजुकेशन, विधवाओं को पेंशन मिलेगी।
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राज्य में 786 डॉक्टरों और 5137 पैरामेडिक्स की भर्ती की गई है।
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कोरोना मरीजों के लिए 438 क्रिटिकल केयर बेड और जोड़े गए हैं।
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ब्लैक फंगस केस की निगरानी के लिए पैनल बनाया गया है।
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COVID अस्पतालों में 24×7 हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
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DRDO राज्य में 7 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत करेगा।
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3 करोड़ 80 लाख कोरोना वैक्सीन डोज के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया गया है।
वहीं, कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में 1 जून तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। राज्य में इससे पहले 5 मई से 19 मई तक के लिए 14 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था।