...तो अंधेरे में डूब सकता है देश का बड़ा हिस्सा
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखंड समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्से में भयंकर बिजली संकट पैदा हो सकता है। खबरों के मुताबिक, इन इलाकों में बिजली सप्लाई करने वाले एनटीपीसी के प्लांट में कोयले का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है।
एनटीपीसी के संयंत्रों से इन इलाकों में 4200 मेगावॉट बिजली पैदा होती है। हालांकि ऐसे किसी भी हालात को टालने के लिए केंद्र सरकार जुटी हुई है। अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर में एनटीपीसी के सीनियर एक्जीक्यूटिव ने बताया कि झारखंड के राजमहल माइंस से कोल इंडिया करीब 55,000 टन कोल सप्लाई करती थी।
अब यह घटकर 40,000 टन हो गया है। बरसात के मौसम में यह घटकर 20,000 टन पर आ जाता है। इस कारण एनटीपीसी के संयंत्रों के पास कोयले का स्टॉक कम हो गया है। कोल इंडिया के एक्जीक्यूटिव ने स्वीकार किया है कि राजमहल माइंस के मौजूदा भंडार लगभग खाली हो गए हैं और प्रोडक्शन लेवल बरकरार रखने के लिए माइंस के विस्तार की जरूरत है।
विस्तार में स्थानीय जमीन अधिग्रहण के मुद्दे बाधा बन रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजमहल माइंस से सटे दो गांवों- बंसबीहा और तालझारी में भूमि अधिग्रहण के लिए लंबे समय से कोशिश की जा रही है।