फांसी से बचने के लिए निर्भया के गुनाहगार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की क्यूरेटिव याचिका
नई दिल्ली। मौत को सामने देख निर्भया के गुनाहगार इससे बचने के रास्ते तलाश रहे हैं। मामले में एक गुनाहगार विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। खबरों के अनुसार विनय ने अपने खिलाफ जारी हुए डेथ वारंट पर रोक लगाने की अर्जी भी दी है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को ही निर्भया के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर इन चारों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि विनय शर्मा की याचिका पर सुनवाई कब होगी।
डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों के वकील ओपी सिंह ने कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सुप्रीम कोर्ट याचिका खारिज करता है तो 22 तारीख को सुबह 7 बजे फांसी देने के आदेश का पालन किया जाएगा।
यदि सुप्रीम कोर्ट याचिका स्वीकार कर लेता है तो फांसी टल भी सकती है। डेथ वारंट जारी होने के बाद माना जा रहा था कि आरोपी जल्द ही क्यूरेटिव याचिका दायर कर सकते हैं। इन दोषियों को 14 दिन के अंदर ही क्यूरेटिव याचिका दायर करने का अधिकार था।
क्या होती है क्यूरेटिव पिटीशन : क्यूरेटिव पिटीशन, पुनर्विचार याचिका से थोड़ी अलग होती है। इस याचिका में फैसले की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिह्नित किया जाता है, जिसमें उन्हें लगता है कि इस पर एक बार फिर ध्यान देने की आवश्यकता है।
निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी बाद में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें एक नाबालिग आरोपी भी था। उसे 3 साल के लिए सुधारगृह में रखा गया था, जहां से वह रिहा हो चुका है। एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी।