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Last Modified: सोमवार, 20 जनवरी 2020 (15:29 IST)

निर्भया के गुनाहगार पवन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

निर्भया के गुनाहगार पवन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज - Nirbhaya Case : Convicts Claim He Was A Minor Dismissed By Supreme Court
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया बलात्कार कांड के दोषी पवन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पवन की याचिका को खारिज कर दिया था। 
 
सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई की। तीन सदस्यीय बेंच ने पवन के वकील से पूछा कि पुनर्विचार याचिका में भी आपने यही मामला उठाया था, अब इसमें नई जानकारी क्या है और क्या यह विचार करने योग्य है? एपी सिंह ने दलील दी कि पवन की उम्र संबंधी दस्तावेजों की जानकारी दिल्ली पुलिस ने जान-बूझकर छिपाई। हाईकोर्ट ने भी गलत ढंग से पवन की याचिका खारिज की और तथ्यों को नजरंदाज किया।
 
अपनी याचिका में पवन गुप्ता ने दावा किया था कि वर्ष 2012 में जब यह मामला हुआ था तब वह नाबालिग था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसके इस दावे को खारिज कर दिया था।
 
उसने याचिका में एक फरवरी को निर्धारित मौत की सजा देने से अधिकारियों को रोकने का निर्देश देने की भी मांग की है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पवन के वकील एपी सिंह पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।
 
गौरतलब है कि 16 और 17 दिसंबर 2012 की दरमियानी रात 23 वर्षीय पेरामेडीकल की छात्रा का छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। कुछ दिन बाद युवती की मौत हो गई थी। युवती को निर्भया नाम दिया गया था।
 
निर्भया केस के एक अन्य दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। दरअसल, क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के पास दया के लिए गुहार लगाई थी। फांसी से बचने के लिए अब उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
 
दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन कुमार गुप्ता के खिलाफ मौत की सजा का नया फरमान जारी किया था। उसमें चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश था।
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