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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 29 जून 2016 (22:20 IST)

केन्द्रीय कर्मचारियों की हड़ताल अनुचित : अरुण जेटली

केन्द्रीय कर्मचारियों की हड़ताल अनुचित : अरुण जेटली - National News, Seventh Pay Commission, Arun Jaitley, Minister of Finance, strike, union workers
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा के मद्देनजर केन्द्रीय कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने की घोषणा को अनुचित बताते हुए आज कहा कि इसके लागू होने पर उनका वेतन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की तुलना में अधिक हो जाएगा। 
जेटली ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि सातवें वेतन आयोग ने आईआईएम अहमदाबाद से एक अध्ययन कराया था, जिसमें यह पता चला है कि केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन वर्तमान में सात हजार रुपए है, जो 125 फीसदी महँगाई भत्ता तथा दूसरे भत्ते मिलाकर 22 हजार रुपए से अधिक हो जाता है, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का औसत न्यूनतम वेतन नौ हजार रुपए है। 
 
उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने पर न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए होगा जबकि क्लास एक अधिकारी का प्रारंभिक वेतन 56,100 रुपए होगा। उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों के लागू से घरेलू माँग भी बढ़ेगी और लोगों की बचत में भी बढ़ोतरी होगी जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। हालाँकि, इससे महँगाई में भी कुछ बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि बजट से पहले सिफारिशें मिलने की वजह से बजट में इसके लिए प्रावधान किए जाने से सरकारी राजस्व पर अधिक बोझ नहीं पडेगा। 
 
जेटली ने बताया कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकारी खजाने पर सलाना एक लाख दो हजार 100 करोड़ रुपए  का बोझ पड़ेगा। जनवरी 2016 से लागू किए  जाने से पिछले वित्त वर्ष के लिए 12 हजार 133 करोड़ रुपए का एरियर देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में इसके लिए 60 हजार करोड़ रुपए का और रेल बजट में 24 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किए जाने से सरकारी राजस्व पर अधिक बोझ नहीं पड़ेगा। आयोग की सिफारिशें बजट से पहले मिल जाने से बजट में प्रावधान करने में मदद मिली थी। 
 
वित्त मंत्री ने कहा कि भत्तों को लेकर कुछ संशय कि स्थिति है इसे दूर करने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित की जाएगी, जो चार माह में रिपोर्ट देगी। उसकी सिफारिशों के आधार पर इन्हें लागू किया जाए गा। तब तक भत्तों का मौजूदा दर पर भुगतान किया जाएगा।
 
वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। इसी तरह से पेंशन सचिव की अध्यक्षता में भी एक समिति होगी जो पेंशन से जुडे मुद्दों पर विचार करेगी। कुल मिलाकर चार समितियाँ बनेंगी। अभी केन्द्रीय कर्मचारियों को 196 तरह के भत्ते दिए जाते हैं। आयोग ने 51 भत्तों को समाप्त करने तथा 37 को सुझाए गए  भत्तों में समाहित करने की सिफारिश की है। 
 
उन्होंने बताया कि पेंशन की न्यूनतम सीमा साढ़े तीन हजार से बढ़ाकर नौ हजार रुपए  की गई है और ग्रेच्युटी दोगुना करके 10 लाख से 20 लाख रुपए किया गया है। सालाना वेतन वृद्धि के लिए 01 जनवरी और 01 जुलाई की तिथि तय की गई है। पहले यह साल में एक बार जुलाई में होती थी। बढ़ोत्तरी पहले की तरह मूल वेतन में तीन प्रतिशत होगी।
 
इलाज, आधिकारिक यात्रा/स्थानांतरण के लिए यात्रा भत्ता, मृत कर्मचारियों के परिवार के लिए यात्रा भत्ता और एलटीसी के लिए दी जाने वाली अग्रिम राशि को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की ब्याज मुक्त अग्रिम राशि की सुविधा समाप्त कर दी गई है। आवास ऋण की सीमा साढ़े सात लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।
 
नागरिक एवं सुरक्षा बलों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से 20 लाख रुपए तक के मुकाबले बढ़ाकर 25 से 45 लाख रुपए तक की गई है। पेंशन की गणना में कोई बदलाव नहीं किया गया है और सेवानिवृत्ति के अवसर पर 300 दिनों के अवकाश के बदले नकद भुगतान किया जाएगा। (वार्ता)