नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इतालवी समकक्ष पाओलो जेंटिलोनी ने सोमवार को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आतंकवाद का मुकाबला करने के तरीकों पर विस्तार से बातचीत की, जिसके बाद भारत और इटली ने ऊर्जा और व्यापार में सहयोग बढ़ाने समेत कुछ मुद्दों पर छह समझौते किए।
इटली के किसी प्रधानमंत्री की पिछले दस साल में यह पहली यात्रा है। जेंटिलोनी कल रात यहां दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचे। इस यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को गहरा करना है, जो इटली के मरीनों की गिरफ्तारी के मामले से प्रभावित हुए थे।
साल 2012 में केरल के समुद्र तट के पास दो भारतीय मछुआरों की कथित तौर पर हत्या के मामले में एनरिका लेक्सी नामक जहाज पर सवार इटली के दो मरीनों- लातोरे मासिमिलियानो और सल्वातोरे गिरोने की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद भारत और इटली के कूटनीतिक संबंध बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
इटली ने तब दावा किया था कि जहाज अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में था और यह मामला समुद्री कानून के अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र में ही आता है। वह अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी गया।
दोनों मरीन अभी इटली में हैं और उनके संदर्भ में हेग स्थित मध्यस्थता अदालत के फैसले का इंतजार है। भारत-इटली के कूटनीतिक विवाद का असर भारत के साथ यूरोपीय संघ के रिश्तों पर भी पड़ा था।
जब अधिकारियों से पूछा गया कि क्या यह मुद्दा आज की बैठक में सामने आया तो उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच आज हुई बैठक में संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने का प्रयास रहा और ऐसे किसी मुद्दे को नहीं आने दिया गया जो द्विपक्षीय संबंधों को बाधित करता हो।
अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दे रहेंगे और उनसे विभिन्न स्तरों पर निपटा जाएगा। मोदी और जेंटिलोनी की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में बताया गया कि उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर निशाना साधते हुए सभी देशों से आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाहों, उनके ढांचों और नेटवर्कों को नेस्तनाबूद करने तथा आतंकियों की सीमापार आवाजाही को रोकने का आह्वान किया।
जेंटिलोनी के साथ संयुक्त मीडिया वार्ता में मोदी ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद और साइबर अपराधों की चुनौतियों समेत व्यापक मुद्दों पर चर्चा की और इनसे निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। मोदी ने यह भी कहा कि भारत-इटली व्यापार संबंधों के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, भारत और इटली दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और हमारी अर्थव्यवस्थाओं की मजबूती हमें अपने वाणिज्यिक सहयोग को और अधिक प्रगाढ़ करने का प्रचुर अवसर प्रदान करती है। हमारे करीब 8.8 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को और अधिक बढ़ाने की अपार क्षमताएं हैं।
मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि इटली की कंपनियों के स्मार्ट सिटीज जैसी सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में भाग लेने की तथा खाद्य प्रसंस्करण, फार्मा एवं बुनियादी संरचना जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
मोदी-जेंटिलोनी की मुलाकात के बाद दोनों पक्षों ने रेलवे सेक्टर की सुरक्षा, ऊर्जा और आपसी निवेश बढ़ाने समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग गहन करने के लिए छह समझौतों पर दस्तखत किए। जेंटिलोनी ने कहा कि दोनों देशों के अच्छे संबंध कंपनियों के लिए तथा वैज्ञानिक सहयोग के लिए बड़े अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इटली निवेश के लिहाज से भारत को बड़ी उम्मीद के साथ देखता है।
इटली यूरोपी संघ में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में दोनों के बीच 8.79 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। भारत से इटली को 4.90 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, वहीं उसने इटली से 3.89 अरब डॉलर का आयात किया।
वित्त वर्ष 2017-18 के पहले चार महीने में दोनों देशों का व्यापार 3.22 अरब डॉलर तक पहुंच गया। संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने अलकायदा तथा आईएसआईएस के खिलाफ निर्णायक एवं समन्वित कार्रवाई से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने का भी संकल्प लिया।
मोदी ने कहा कि इटली विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोगी रहा है और दोनों देश इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को उत्सुक हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि इसके पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जेंटिलोनी से मुलाकात की और साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
दोनों पक्षों ने 70 साल के अपने संबंधों को दर्शाने वाले एक लोगो का भी विमोचन किया। भारत और इटली के कूटनीतिक संबंध अगले साल मार्च में 70 साल पूरे करेंगे। (भाषा)