गांधीनगर। कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व को विकास एवं गुजरात विरोधी करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भाजपा के लिए चुनाव ‘विकासवाद की जंग है, कांग्रेस के लिए वंशवाद की जंग है और मुझे पूरा विश्वास है कि गुजरात में विकासवाद जीतने वाला है और वंशवाद हारने वाला है।
पाटीदार आंदोलन के बाद पटेल समुदाय के एक वर्ग की नाराजगी को समझते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जब गुजरात में चुनाव आता है, उनको (कांग्रेस) जरा ज्यादा बुखार आता है, तकलीफ ज्यादा बढ़ जाती है। इस पार्टी और परिवार को गुजरात आंखों में चुभता रहा है। सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ इस पार्टी ने, इस परिवार ने किस तरह का व्यवहार किया, इतिहास इसका गवाह है। मैं इसे दोहरना नहीं चाहता। सरदार पटेल की पुत्री मणिबेन और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ किस प्रकार का व्यवहार इस पार्टी ने किया, यह सभी के सामने है।इनको हर प्रकार से नेस्तनाबूद करने का काम किया।
गुजरात उनको (कांग्रेस और उसके नेतृत्व) पसंद ही नहीं था। उसने बाबू भाई पटेल के नेतृत्व वाली सरकार को तोड़ने का काम किया। ‘गुजरात गौरव महासम्मेलन’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा कुर्सी का खेल खेला, वंशवाद को कैसे सलामत रखना है, इस पार्टी ने हमेशा इसकी चिंता की। उनको न देश की चिंता है और न समाज की। चुनाव हमारे (भाजपा) लिए विकासवाद की जंग है, उनके (कांग्रेस) लिए वंशवाद की जंग है। मेरा पूरा विश्वास है कि इसमें विकासवाद जीतने वाला है और वंशवाद हारने वाला है।
उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से इंतजार कर रहा था कांग्रेस विकास के नाम पर चुनाव लड़े। कांग्रेस ने विकास के मुद्दे पर कभी चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई। मैं एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी को चुनौती देता हूं कि वे विकासवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़ें और लोगों को भ्रमित करने का काम छोड़ें। राहुल और सोनिया गांधी का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि जो जेल की सजा काटे हैं, उनके साथ ए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। जमानत पर छूट कर आए हैं, भ्रष्टाचार के मामले में मां और बेटा जमानत पर हैं। यह पार्टी ही जमानती है। और ए लोग मुझसे सवाल कर रहे हैं। जिनके मुखिया भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट से जमानत पर बाहर हों, क्या ऐसे लोग गुजरात का भला करेंगे।
कांग्रेस एवं उसके नेतृत्व पर प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि इनको गुजरात से नफरत है, जनसंघ से नफरत है, भाजपा से नफरत है। इन लोगों और पार्टी ने कभी हमें गांधी का हत्यारा कहा, कभी शहर की पार्टी कह दी, कभी दलित विरोधी कहा। उन्होंने हमें दलित विरोधी कहा, आज सबसे ज्यादा दलित सासंद बीजेपी के हैं, उन्होंने हमें किसान विरोधी कहा कि आज संसद में सबसे ज्यादा ओबीसी सांसद बीजेपी के हैं।
उन्होंने सवाल किया कि कौन कहता है गांव के लोगों को सड़क नहीं चाहिए, कौन कहता है गरीबों के बच्चों को शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए, कौन कहता है कि युवाओं को रोजगार नहीं चाहिए, बुजुर्गों को रोजगार नहीं चाहिए।
गुजरात के भाजपा के विकास मॉडल पर कांग्रेस एवं राहुल गांधी के तंज का परोक्ष जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इनका विकास से कोई नाता नहीं है, उनको एक ही चीज की आदत लगी है और उनके नेता, पार्टी और परिवार भ्रष्टाचार में डूबी रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव एक यज्ञ होता है। चुनाव के यज्ञ में लोकतंत्र के सभी सिपाही, सभी मतदाता और अधिक अच्छा करने के भाव से हर कोई जुटता है। लेकिन सतयुग से, रामायण-महाभारत के काल से ऐसा होता आया है कि जब-जब यज्ञ होता है रुकावट डालने वाले इसमें रुकावट डालते हैं। उन्होंने कहा कि जिनको यज्ञ का फल नहीं मिलने वाला होता है, उन लोगों के लिए इसमें बाधा डालने, यज्ञ को अपवित्र करने की कोशिश करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है। आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो लोकतंत्र के इस यज्ञ में रुकावटें डालेंगे क्योंकि भाजपा की विजय यात्रा कुछ लोगों को परेशान कर रही है। लेकिन हम इस यज्ञ को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि लोगों ने बहुत सरकारें देखी हैं, धनबल और बाहुबल से चलने वाली पार्टियां, वंशवाद से चलने वाली पार्टियां हैं, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से चलने वाली भाजपा इकलौती पार्टी है। कांग्रेस का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस पार्टी ने इतने वर्षों तक शासन किया, इतने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री दिए, एक ही परिवार ने अनेक नेता दिए.... वह पार्टी की भाषा इतनी नीचे गिर सकती है, कोई सोच नहीं सकता, क्योंकि उसने सकारात्मक सोच को छोड़ दिया। नकारात्मक सोच के जरिए चुनाव जीतने की तिकड़म में लगी रहती है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि गुजरात के प्रति इनका द्वेष सिर्फ विरोधियों तक ही सीमित नहीं है, अगर किसी को बली चढ़ाने की जरूरत पड़े, तो वे पहले गुजरात वालों की चढ़ाते है। इसका उदाहरण माधवसिंह सोलंकी हैं जिन्होंने कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीट दिलाई थी, लेकिन एक चिट्ठी लेकर गए थे और बोफोर्स मामले में इस परिवार को बचाने की बात आई तब माधव सिंह का इस्तीफा ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मेरे खिलाफ कैसे कैस षड्यंत्र नहीं किए गए.. मुझे जेल में डालने के लिए, लेकिन आज देखें कि हम कहां है और वो कहां हैं । ए जहर, गुजरातियों के प्रति द्वेष.. इसी का परिणाम था कि पंडित नेहरू ने जिस नर्मदा परियोजना का शिलान्यास किया, लेकिन वह आंखों में इसलिए चुभती थी, क्योंकि इसकी संकल्पना सरदार पटेल ने की थी, इसलिए पूरा नहीं होने दिया। कोई कल्पना कर सकता है कि 40 साल तक यह अटकी रही। और बेशर्मी के साथ, झूठ की भी कोई हद होती है। और वे (कांग्रेस) हमसे सवाल पूछते हैं कि इतने वर्ष क्यों लगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इतनी सरकारें आईं, लेकिन सिंचाई से जु़ड़ी तमाम योजनाएं अटकी पड़ी रहीं, क्योंकि कांग्रेस को विकास में कोई रुचि नहीं है। 12 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट अटके पड़े थे, हमने उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा, विकास के मुद्दे से हमेशा भागती रही। हमेशा सांप्रदायिकता, जाति-धर्म और भ्रमित करके ही चुनाव निकाले हैं। विकास की ठोस बातों पर कभी चुनाव लड़ने का साहस नहीं दिखाया। मोदी ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कारण है कि चुनाव से पहले कांग्रेस के 25 प्रतिशत विधायकों ने उस पार्टी को छोड़ दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि राजनेता हवा का रुख भांप लेते हैं। (भाषा)