गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Millions of people took a dip in the holy rivers in India
Written By
Last Modified: गुरुवार, 14 जनवरी 2021 (14:24 IST)

Corona पर भारी आस्था, पवित्र नदियों में लाखों लोगों ने लगाई डुबकी

Corona पर भारी आस्था, पवित्र नदियों में लाखों लोगों ने लगाई डुबकी - Millions of people took a dip in the holy rivers in India
नई दिल्ली। संगम नगरी प्रयागराज, हरिद्वार, चित्रकूट समेत देश के अन्य स्थानों पर मकर संक्रांति के दिन लाखों लोगों ने पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक माघ मेले के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त:सलिला सरस्वती के त्रिवेणी संगम में वैश्विक महामारी कोरोना पर आस्था का सैलाब भारी पड़ा।
 
एडीजी प्रेमप्रकाश ने बताया कि सुबह आठ बजे तक प्रयागराज में 10 लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र में सीसीटीवी और पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। देश के कोने कोने से पहुंचे माघ मेले के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर त्रिवेणी के तट पर कोरोना को धता बताकर गंगा में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। आधिकारिक रूप से स्नान भोर के चार बजे से घोषित किया गया था, लेकिन दांत कटकटाती ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं और साधु- संतों ने भोर के तीन बजे से ही संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया।
 
भोर में स्नान करने वालों की भीड कम थी, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही स्नान करने वालों की भीड़ बढ़ती गई। डुबकी लगाने वालों में महिलाएं, बच्चे और बूढ़े और दिव्यांग भी शामिल हैं। मेले में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और विविधताओं का संगम दिखाई पड़ा। त्रिवेणी के संगम तट पर सांय-सांय करती तेज हवा और कड़ाके की ठंड में पतित पावनी के जल में भोर के चार बजे से ही श्रद्धालु एवं कल्पवासी, तीर्थयात्री और सांधु-संतों ने शहर हर गंगे, ऊं नम: शिवाय श्रीराम जयराम जय जय राम का उच्चारण करते हुए आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के सबने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। 
 
वैदिक शोध एवं सांस्कृतिक प्रतिष्ठान कर्मकांड प्रशिक्षण केन्द्र के पूर्व आचार्य डॉ. आत्माराम गौतम ने बताया कि वर्षों बाद मकर संक्रांति के अवसर पर पांच ग्रह एक राशि में भ्रमण करेंगे। ग्रह नक्षत्रों की विशेष जुगलबंदी से स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है। माघ मेला नोडल अधिकारी आशुतोष मिश्रा ने बताया कि कुल 100 गोताखोर लगाए गए हैं, जिनमें 70 प्राईवेट और 30 पुलिस के गोताखोर हैं।
हरिद्वार में उमड़ी भीड़ : ‍वेबदुनिया संवाददाता निष्ठा पांडे के अनुसार हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर सुबह से ही गंगा स्नान शुरू हो गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद आस्था लिए श्रद्धालु सुबह सवेरे ही हरकी पैड़ी समेत तमाम गंगा घाटों पर जुटने लगे। कुंभ मेला पुलिस ने स्नानार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे मेला क्षेत्र को 7 जोन और 20 सेक्टर में बांटा है। हरिद्वार पुलिस, बीएसएफ़, एसएसबी, सीआरपीएफ समेत कई कंपनियों को भी तैनात किया गया है।
 
इस बार कोरोना को देखते हुए सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए ये स्नान कराया जा रहा है। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी के अनुसार पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया हुआ है, भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर शैया पर लेटे रहे। कहा जाता है, जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है, उसका जन्म लोक पर नहीं होता।
 
चित्रकूट पहुंचे लाखों श्रद्धालु : उत्तर प्रदेश के पौराणिक एवं ऐतिहासिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर कामदगिरि की 5 किलोमीटर की परिक्रमा लगाई और अन्न दान, खिचड़ी दान, वस्त्र दान किया। इस दिन जप, तप, दान और स्नान का विशेष महत्व है। 
इसी तरह चित्रकूट के भरतकूप में भी दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान करके खिचड़ी और अन्न का दान किया। पूरे विश्व में किसी भी कुएं में एक दिन में इतने श्रद्धालुओं का एक साथ स्नान करना भी एक विश्व रिकॉर्ड है। चित्रकूट का भरतकूप विशेषताओं से भरा हुआ है।
 
पौराणिक मान्यता के अनुसार जब भरत जी भगवान राम को वनवास काल के समय वापस लेने के लिए चित्रकूट आए थे तो वह अपने साथ समस्त तीर्थों का जल एक कलश में ले कर के आए थे। उनका सोचना था कि प्रभु श्रीराम का वहीं पर राज्याभिषेक करके उनको राजा की तरह वापस अयोध्या ले जाएंगे, परंतु जब श्रीराम द्वारा बिना वनवास काल के पूर्ण हुए वापस लौटने से मना कर दिया तब अत्रि मुनि ने उस पवित्र जल को चित्रकूट के पास एक कुएं में मंत्रोच्चारण के साथ डलवा दिया था। रामचरितमानस में भी तुलसीदास जी ने भी इसका उल्लेख किया है- 
अत्रि कहेउ तब भरत सन, सैल समीप सुकूप।
राखिए तीरथ तोय तह, पावन अमल अनूप।
भरतकूप अब कहिहहि लोगा,
अति पावन तीरथ जल जोगा।
ये भी पढ़ें
राहुल ने देखा ‘जल्लीकट्टू’, भाजपा ने कहा- 'आपने' ही लगवाया था प्रतिबंध