Madras High Court: गौरी को शपथ लेने से रोकने संबंधी याचिका पर सुनवाई में हुआ आश्चर्यजनक फेरबदल
नई दिल्ली। न्यायमूर्ति लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को मद्रास उच्च न्यायालय में बतौर न्यायाधीश शपथ लेने से रोकने संबंधी याचिकाओं पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में समय-दर-समय स्थिति में फेरबदल देखने को मिला। पहले अफवाह यह फैली कि उनके शपथ ग्रहण से महज एक घंटे पहले सुबह करीब 9.15 बजे मामले की सुनवाई हो सकती है।
जैसे ही यह पता चला कि उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में गौरी और 4 अन्य का शपथ ग्रहण सुबह 10.35 बजे निर्धारित है, शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने इस मामले को शपथ से पहले सूचीबद्ध कराने की कोशिश की जबकि यह मामला न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष आज आइटम नंबर 38 के रूप में सूचीबद्ध था।
सुबह करीब 8.50 बजे अफवाहें फैलने लगीं कि इस मामले की सुनवाई भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कर सकती है जिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन और आनंद ग्रोवर सहित याचिकाकर्ताओं के वकील सीजेआई के अदालत कक्ष में इंतजार करते देखे गए।
इसके तुरंत बाद शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर वाद सूची से पता चला कि 2 याचिकाएं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सुबह 10.30 बजे आइटम नंबर 301 के रूप में सूचीबद्ध थीं। सीजेआई के अदालत कक्ष में इंतजार कर रहे वकील तब अदालत संख्या-सात पहुंचे, जहां विशेष पीठ को सुनवाई शुरू करनी थी।
निर्धारित समय से 5 मिनट पहले लगभग 10.25 बजे न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति अपनी सीट तक आए और सुनवाई शुरू हुई। करीब 25 मिनट तक दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, "हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं। कारण बाद में दिए जाएंगे।
न्यायालय द्वारा गौरी की नियुक्ति के खिलाफ याचिकाओं को खारिज करने से चंद मिनट पहले उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी. राजा ने लगभग 10:48 बजे एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। शीर्ष अदालत 2 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें से एक मद्रास उच्च न्यायालय के 3 वकीलों द्वारा दायर की गई थी जिसमें अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति का विरोध किया गया था।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को 3 वकीलों की याचिका को 10 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया था, लेकिन बाद में रामचंद्रन द्वारा मामले का विशेष उल्लेख किए जाने के बाद यह कहते हुए इसे 7 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया था कि केंद्र ने गौरी की नियुक्ति को अधिसूचित कर दिया है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta