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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 16 जनवरी 2023 (20:43 IST)

विधानसभा चुनाव में हार मंजूर नहीं, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जेपी नड्डा की दो टूक

विधानसभा चुनाव में हार मंजूर नहीं, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जेपी नड्डा की दो टूक - Madhya Pradesh BJP leaders in tension due to JP Nadda statement in BJP National Executive meeting
दिल्ली में सोमवार से शुरु हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कर दिया है कि पार्टी को एक भी चुनाव नहीं हारना है। गौरतलब है कि 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। पहले दिन की बैठक के बाद पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में  कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी का आह्वान किया कि 2023 हमारे लिए बहुत जरूरी क्योंकि इस साल 9 राज्यों में चुनाव होने हैं। उन्होंने सभी को कमर कसने को कहा कि हमें एक भी चुनाव नहीं हारना है। उनका स्पष्ट संदेश था कि एक भी राज्य का चुनाव भी नहीं हारना है, हमें सभी 9 राज्यों में जीत दर्ज करनी है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस साल मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी अहम राणनीति तैयार हो सकती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मध्यप्रदेश से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, संगठन महामंत्री हितानंद समेत अन्य नेता शामिल हो रहे है।

शिवराज के बयान के बाद बढ़ी सरगर्मी-राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मध्यप्रदेश में सरकार से लेकर संगठन तक बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे है। सरकार और संगठन में संभावित बदलाव को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक अटकलों का बाजार गर्म है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के ठीक समय दिल्ली में एक समाचार पत्र से बात करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह पार्टी के हर निर्णय का सम्मान करेंगे और पार्टी नेतृत्व कहेगा तो मैं दरी बिछाने के लिए भी तैयार हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ता है और वह अपने लिए खुद कोई भूमिका तय नहीं कर सकते है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है। वह पहले भी राष्ट्रीय राजनीति में जाने की संभावना को खारिज करते हुए दरी बिछाने की बात कह चुके है।

चुनाव से पहले सर्वे से भाजपा में टेंशन!-राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ कर दिया है कि किसी भी राज्य के चुनाव में हार अब मंजूर नहीं है। ऐसे में  मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले केंद्रीय नेतृत्व की ओऱ से कराए गए सर्वे में साफ हो चुका है कि प्रदेश में  भाजपा की अंदरूनी हालत ठीक नहीं है और पार्टी ने अगर बड़े फैसले नहीं लिए तो इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा सर्वे में तीन अंकों की जगह दो अंकों में सिमटती हुई दिख रही है। मध्यप्रदेश में होने वाले संभावित बदलवा को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और संघ के प्रमुख नेताओं के बीच भी मंथन का दौर चल रहा है।

बदलाव हुआ तो किसका बढ़ेगा कद?-संगठन और सरकार में होने वाले संभावित बदलवार की बीच कई नेताओं के नाम पर अटकलों का दौर भी तेज है। अगर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में बदलवा की ओर बढ़ता है तो  केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

वहीं बदलाव के दौर में सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मोहन यादव जैसे नेताओं का कद भी बढ़ सकता है। वहीं चुनाव साल में पार्टी संगठन में बदलाव होने पर प्रदेश भाजपा को नया प्रभारी मिल सकता है। ओम प्रकाश माथुर जैसे दिग्गज नेताओं को फिर से प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

मोदी-शाह मध्यप्रदेश में भी चौकाएंगे?-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हमेशा से अपने निर्णय से चौकाते है ऐसे में मध्य प्रदेश को लेकर क्या होता है,संभवत यह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद साफ हो जाएगा। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मध्यप्रदेश के कई दिग्गजो की किस्मत का फैसला होने के आसार है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंगलवार को आने वाले राजनीतिक प्रस्ताव से यह साफ होगा कि पार्टी किन मुद्दों और रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है।

गुजरात मॉडल से दिग्गजों में टेंशन!-गुजरात में भाजपा ने जिस फॉर्मूले के आधार पर प्रचंड जीत हासिल की है अगर वह फॉर्मूला अगर मध्यप्रदेश में लागू होता है, तो संगठन से लेकर सरकार तक कई बड़े बदलाव होने तय है। गुजरात फॉर्मूले में सत्ता से लेकर संगठन का परफारमेंस बदलाव का प्रमुख आधार बनेगा। इसमें सबसे पहले सरकार के उन मंत्रियों पर तलवार लटकी नजर आ रही है जो लंबे समय से सरकार में काबिज है। ऐसे में सरकार के नए चेहरे के साथ चुनाव में जानेक की रणनीति पर अगर पार्टी हाईकमान आगे बढ़ता है कई मंत्रियों की छुट्टी तय है। गुजरात मॉडल से उन दिग्गजों की विधाई भी तय है जो 70 की उम्र पार कर चुके है। ऐसे में आने वाले समय में मंत्रिमंडल में बड़ी सर्जरी देखने को मिल सकती है।