नोबेल पुरस्कार विजेता शियाओबो का निधन
बीजिंग। चीन के विद्रोही नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता लिऊ शियाओबो का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को चीन के शेनयांग शहर में निधन हो गया। वे 61 वर्ष के थे। शेनयांग विधिक ब्यूरो ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी करके बताया कि लियू के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें बचाने की सभी कोशिशें विफल हो गईं।
गौरतलब है कि जून 1989 में चीन के मशहूर थेनआनमिन स्क्वायर पर प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले नेताओं में लिऊ भी थे और इस आंदोलन को चीन सरकार ने बहुत ही बेरहमी से कुचल दिया था। सैनिकों ने निहत्थे छात्रों को गोलियों से भून दिया था तथा उन पर टैंक चढ़ा दिए थे और उस घटना में हजारों प्रदर्शनकारी मारे गए थे।
लिऊ ने सत्ता के खिलाफ एक कथित भड़काऊ लेख 'चार्टर 08' लिखा था और इससे नाराज चीन सरकार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। वर्ष 2009 में अदालत ने उन्हें इस मामले में 11 वर्ष जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें कैंसर था और तबीयत बिगड़ने पर हाल ही में उन्हें जेल से अस्पताल भेजा गया था।
नोबेल कमेटी ने चीन को ठहराया मौत के लिए जिम्मेदार : नार्वे स्थित नोबेल कमेटी ने गुरुवार को कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता विद्रोही नेता लियू शियाओबो की मौत के लिए चीन जिम्मेदार है।
कमेटी की नेता बेरिट रेइस एंडरसन ने कहा, हम इससे बेहद व्यथित हैं कि लियू शियाओबो को गंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी ऐसे अस्पताल में नहीं भेजा गया, जहां उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा मिल सकती थी। सुश्री एंडरसन ने कहा, चीन सरकार लियू की असामयिक मौत की जिम्मेदारी ले। (भाषा)