जब लालबहादुर शास्त्री ने पूछा, 'मीनाकुमारी कौन हैं?'
नई दिल्ली। देश के तत्कालीन गृहमंत्री लालबहादुर शास्त्री उस वक्त अभिनेत्री मीनाकुमारी को पहचानने में विफल रहे, जब उन्होंने उन्हें माला पहनाई और बाद में शास्त्री ने अपने पास बैठे पत्रकार कुलदीप नैयर से पूछा यह महिला कौन है? यह वाकया मुंबई फिल्म स्टूडियो में एक कार्यक्रम का है, जहां फिल्म 'पाक़ीज़ा' की शूटिंग की चल रही थी। यह वाकया उस वक्त पेश आया, जब मीनाकुमारी बतौर अभिनेत्री अपनी सफलता के शिखर पर थीं।
शास्त्रीजी को 'पाक़ीज़ा' की शूटिंग देखने के लिए आमंत्रित किया गया था जिसमें मीनाकुमारी नायिका थीं। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री का भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का दबाव था और शास्त्री इंकार नहीं कर सके। फिल्म के सेट पर मीनाकुमारी और लालबहादुर शास्त्री से जुड़े इस वाकये का जिक्र नैयर की नई किताब 'ऑन लीडर एंड आइकॉन : फ्रॉम जिन्ना टू मोदी' में किया गया है। यह किताब नैयर ने पिछले साल अगस्त में अपने निधन से कुछ हफ्ते ही पूरी की थी। इस कार्यक्रम में फिल्म जगत से जुड़ीं नामचीन हस्तियों ने शिरकत की थी।
नैयर ने लिखा है कि कई बड़े कलाकार मौजूद थे। मीनाकुमारी ने शास्त्रीजी को माला पहनाई। जोरदार तालियां गूंजीं। शास्त्रीजी ने मुझसे अपनी धीमी आवाज में पूछा, यह महिला कौन है? 'मीनाकुमारी' कहते हुए मैं विस्मय में था। शास्त्रीजी ने अपनी अज्ञानता व्यक्त की। फिर भी मैंने उनसे सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकार करने की अपेक्षा कभी नहीं की थी, हालांकि उन्होंने शास्त्रीजी की सरलता और ईमानदारी के लिए उनकी प्रशंसा की है। इस मौके पर शास्त्रीजी ने संक्षिप्त भाषण दिया।
किताब के अनुसार उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत इस टिप्पणी के साथ की, 'मीनाकुमारीजी मुझे माफ करना, मैंने आपका नाम पहली दफा सुना है।' हिन्दी सिनेमा की खूबसूरत अभिनेत्री जो उस वक्त देश के लाखों दिलों की धड़कन थी, पहली पंक्ति में स्थिर बैठी थीं और शर्मिंदगी का भाव उनके चेहरे पर था। (भाषा)