विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले चीन और भारत के बीच LAC पर हुई थी फायरिंग, चली थीं 100-200 राउंड गोलियां
नई दिल्ली। एलएसी (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जब 10 सितंबर को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने के लिए बैठक करने वाले थे, उससे पहले LAC पर 100 से 200 राउंड फायरिंग हई। खबरों के अनुसार फिंगर 3 और फिंगर 4 जहां पर मिलते हैं, वहां पैंगोंग के उत्तरी तट पर हावी होने के लिए यह फायरिंग हुई थी। भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि दोनों देशों की ओर से इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है।
एक अधिकारी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि दोनों देशों की सेनाएं फिंगर इलाके में पकड़ मजबूत करने के लिए गश्त कर रही थीं। हालांकि अब तक इस घटना के बारे में न तो चीन और न ही भारत की तरफ से कोई आधिकारिक बयान दिया गया है। इससे पूर्व चुशूल सेक्टर में हुई फायरिंग की घटना पर दोनों देशों में तनातनी हुई थी। खबरों के अनुसार ताजा फायरिंग चुशूल में हुई फायरिंग से भी ज्यादा भीषण थी।
रक्षामंत्री के बयान से बौखलाया चीन : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के संसद में दिए बयान के बाद चीन बौखला गया है। वह भारत को युद्ध की धमकी देने लगा है। चीनी सरकार के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने सर्दियों में तनाव बढ़ने की धमकी दी है। 'ग्लोबल टाइम्स' के संपादक हू शिजिन ने कहा कि चीनी सेना भारतीय टैंकों को नष्ट करने का अभ्यास कर रही है। उन्होंने धमकी दी कि अगर भारत मॉस्को में विदेश मंत्रियों के बीच हुई 5 सूत्री सहमति को लागू नहीं करता है तो चीनी सेना युद्ध के लिए तैयार है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के मसले पर मंगलवार को लोकसभा में चीन को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनाव के लिए सारा का सारा ठीकरा न सिर्फ चीनी सेना पर फोड़ा, बल्कि चीन को चेता भी दिया कि भारतीय सेना हर मुश्किल के लिए तैयार है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले के तमाम समझौतों को दरकिनार कर चीनी सेना ने उकसावेपूर्ण कार्रवाई की है। हालात मुश्किल जरूर हैं, लेकिन दोनों देश शांति और धैर्य के साथ इसे सुलझा सकते हैं। हालांकि उन्होंने चीन को चेतावनी देने के लिए शब्दों में कतई कोई घालमेल नहीं किया। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत भी सीमा पर शांति बनाए रखने का पक्षधर है, लेकिन देश की संप्रभुता पर हमला किसी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।