उन्नाव का न्याय, दोषी करार दिया तो रोने लगा दुष्कर्मी विधायक कुलदीप सेंगर
नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया गया भाजपा का विधायक कुलदीप सेंगर फूट-फूटकर रोने लगा। नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत सेंगर को दोषी ठहराया है।
तीस हजारी कोर्ट के जिला जज धर्मेश शर्मा ने जैसे ही सेंगर को दोषी करार दिया, वह अपनी बहन के पास जाकर रोने लगा। कुलदीप को इस मामले में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि मामला बढ़ने के बाद कुलदीप को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था।
सेंगर के वकील हालांकि सजा के लिए आज ही बहस चाहते थे। अदालत ने इस मामले में एक अन्य आरोपी महिला शशि सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। शशि पर पीड़िता को बहला-फुसलाकर विधायक के घर ले जाने का आरोप था।
सेंगर उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीता था। उसके खिलाफ बलात्कार और अपहरण के मामले की सुनवाई यहां की तीस हजारी अदालत में चल रही थी। इसके अलावा सेंगर पर सीबीआई की विशेष अदालत में तीन मामले चल रहे हैं।
यह मामला 2017 का है, जिसमें सेंगर के विरुद्ध पीड़िता के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई को यह मामला 2018 में हस्तांतरित किया गया था। तीस हजारी अदालत में पांच अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी, दोनों आरोपियों के विरुद्ध 9 अगस्त को आरोप तय किए गए थे। इस मामले में चार माह से अधिक सुनवाई चली। अदालत ने दुष्कर्म पीड़िता को नाबालिग माना है।
सेंगर पर आरोप था कि नौकरी देने का वादा करके उसने अपने आवास पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। अदालत के फैसला सुनाने के बाद वहां मौजूद सेंगर बिलख-बिलखकर रोने लगा जबकि दूसरी आरोपी शशि सिंह फैसले के बाद बेहोश हो गईं।
पीड़िता और उसकी मां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश से उन्नाव कांड की जांच लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित की गई थी।